प्रमोद दुबे. कादीपुर (सुलतानपुर)
कटघरा चिरानीपट्टी गांव में कवि त्रिलोचन की जन्मभूमि पर कौण्डिन्य साहित्य सेवा समिति द्वारा आयोजित कवि त्रिलोचन शास्त्री जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर साहित्य, समाज व पत्रकारिता जगत से जुड़े दर्जन भर महानुभावों का सम्मान किया गया । इस अवसर पर त्रिलोचन के साहित्यिक योगदान पर एक परिचर्चा भी आयोजित हुई ।
कवि त्रिलोचन के दरवाजे पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुये युवा साहित्यकार ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह’रवि’ ने कहा – त्रिलोचन जनता के कवि हैं । त्रिलोचन की कविता देश के देहात की आवाज है। ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह ‘रवि’ ने कहा कि त्रिलोचन ने वही लिखा जो कमजोर के पक्ष में था। डा.आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप ने कहा कि त्रिलोचन ने अवधी भाषा को एक नया गौरव प्रदान किया। आशु कवि मथुरा प्रसाद सिंह ‘जटायु’ ने कहा कि त्रिलोचन की धरती पर उनकी जन्मशताब्दी मनाना साहित्य जगत की अनोखी घटना इसलिये है क्योंकि आज का रचनाकार गांव से विमुख हो चला है ।
समारोह में अधिवक्ता श्रीप्रकाश सिंह को विधि विशारद,पं सीताराम मिश्र को संस्कृत मनीषी,संकठा प्रसाद सिंह’देव’को दर्शन विशारद,डा.देश नरायण शर्मा को साहित्य सागर , कवि राम मूर्ति यादव ‘संग्राम सितारे हिंद’ को साहित्य गौरव, डा. रामप्यारे प्रजापति को त्रिलोचन शास्त्री,सुरेश चंद्र शर्मा को मानबहादुर सिंह सम्मान और पं.केशव प्रसाद मिश्र, रमाकांत बरनवाल,घनश्याम मिश्र, विनोद श्रीवास्तव,डा.मुहम्मद मुस्लिम,व श्यामचंद्र श्रीवास्तव को पत्रकारिता के क्षेत्र में सम्मानित किया गया । सभी सम्मानितों का तिलक और माल्यार्पण कर स्वागत किया गया और अंगवस्त्र व सम्मान पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया गया ।
समारोह की अध्यक्षता पूर्व वायुसेना अधिकारी डा.देवनरायण शर्मा और संचालन डॉ.सुशील कुमार पाण्डेय ‘साहित्येन्दु’ ने किया । इस मौके पर अरुण प्रकाश सिंह, अंकित पांडेय राम नारायण सिंह, प्रसिद्ध नारायण सिंह, घनश्याम सिंह, नरेन्द्र बहादुर सिंह, विजय सिंह आदि प्रमुख लोग मौजूद रहे ।