पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच जारी तनाव के दौरान यह ख़बर भी आई है कि काबुल में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास के दो स्टाफ़ मेम्बर्ज़ को अज्ञात कारणों के तहत कई घंटों तक हिरासत में रखा गया।पाकिस्तानी कूटनयिकों के साथ होने वाली इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि दोनों कूटनयिक, बाज़ार में एक स्टेशनरी की दुकान पर थे कि अचानक अफ़ग़ान इंटेलीजेन्स एजेंसी के कर्मियों ने उन्हें गिरफ़तार कर लिया और दूतावास की गाड़ी समेत उन्हें उठा ले गए।गिरफ़तार किए गए कूटनयिकों की पहिचान हसन ख़ानज़ादा और सैयद मनीर शाह के रूप में हुई है। हसन ख़ानज़ादा वीज़ा एसिस्टेंट हैं जबकि सैयद मुनीर शाह ड्राइवर हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि हसन ख़ानज़ादा के साथ कठोर बर्ताव किया गया है।
कूटनयिकों की गिरफ़तारी के बाद पाकिस्तानी दूतावास ने अफ़ग़ान विदेश मंत्रालय से संपर्क करके दोनों कूटनयिकों की तत्काल रिहाई की मांग की जिस पर विदेश मंत्रालय ने कथित रूप से टालमटोल के बाद यह माना कि दोनों कूटनयिकों को एनडीएस ने गिरफ़तार किया है।
इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अफ़ग़ान प्रभारी राजदूत को तलब किया और कूटनयिकों की गिरफ़तारी पर आपत्ति दर्ज कराई। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह घटना दोनों मित्र देशों के आपसी संबंधों की आत्मा के खिलाफ़ और वियेना कन्वेन्शन का हनन है।