जावेद अंसारी की कलम से मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की करारी हार पर कहा कि मैंने अखिलेश यादव को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर एक बड़ी भूल की, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री पद को लेकर आज बड़ा बयान दिया,उन्होंने कहा कि मैंने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया, अगर मैं मुख्यमंत्री होता तो समाजवादी पार्टी को प्रदेश में बहुमत मिल जाता, इस कारण अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना मेरी एक बड़ी भूल थी,
उन्होंने अखिलेश यादव को सीएम बनाने के लिए अपनी गलती मानी, मुलायम सिंह यादव ने मानी अपनी गलती और कहा कि सीएम हमको बनना चाहिए था, समाजवादी पार्टी अपनी गलती से चुनाव हारी है, अखिलेश यादव के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके पार्टी की हार तय कर ली थी, मुलायम ने कहा कि अखिलेश ने उस कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया, जिसमें हमको जेल में डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, इस कांग्रेस ने हमारी जिंदगी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, हमारे ऊपर बहुत केस लगाए,इसके बाद भी अखिलेश ने कांग्रेस से ही गठबंधन कर लिया, वहीं दुसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला कहा कि झूठे बादे कर जनता को ठगा गया,चुनाव से पहले जनता के खाते में 15-15 लाख रुपये भेजने का वादा करने वाले मोदी ने 1 रुपया भी नहीं दिया,आज देश का किसान संकट में है,उन्होंने सपा सरकार में किसानों के कर्जे माफ किए,उनकी जमीनें नीलाम होने से बचाईं, मुलायम ने कहा कि मोदी ने वादा खिलाफी की है,वादा खिलाफी भी एक तरह का भ्रष्टाचार है,झूठ बोलकर सत्ता हासिल करने वाले मोदी 15 लाख नहीं दे पा रहे तो जनता को 3-3 लाख रुपये ही दे दें|
सेक्युलर मोर्चा से पीछे हटेंगे मुलायम
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव अब समाजवादी सेक्युलर मोर्चा खड़ा करने की पूर्व मंत्री शिवपाल की घोषणा पर पीछे हटने के संकेत देने लगे हैं, शनिवार को कुछ समर्थकों से मुलाकात में मुलायम ने कहा कि शिवपाल ने सिर्फ एक बयान दिया है, बड़े संघर्ष से पार्टी बनाई है, उसे टूटने नहीं देंगे, मोर्चा गठित करने की शिवपाल की घोषणा पर स्पष्ट बात कहने से वह हिचकते रहे, दूसरी ओर शिवपाल ने कहा कि सेक्युलर मोर्चा अगला चुनाव लड़ेगा, शुक्रवार को शिवपाल यादव ने इटावा में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा खड़ा करने व मुलायम को उसका नेतृत्व सौंपने की बात कही थी|
शनिवार को विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर मुलाकात के लिए पहुंचे समर्थकों व मीडिया कर्मियों से मुलायम सिंह ने कहा कि शिवपाल दुखी हैं, मैं, बात करूंगा और उसको मना लूंगा, कहा कि ‘परिवार या पार्टी से अलग होने के बारे में कोई नहीं सोच रहा, पार्टी टूटने से किसको क्या मिलेगा, बताया गया है कि मुलायम ने यह भी कहा कि लोकतांत्रिक मोर्चा पर मुझसे कोई बात नहीं हुई, कहा कि मुझे नहीं पता अखिलेश-शिवपाल को पंसद क्यों नहीं करते, मैं भाई के साथ खड़ा रहूंगा, उसने मेरे और पार्टी के लिए काफी कुछ सहा है।’समाजवादी कुनबे में संघर्ष शुरू होने के बाद से मुलायम सिंह थोड़े-थोड़े अंतराल में बयान बदलते रहे, कभी वह शिवपाल तो कभी अखिलेश के साथ नजर आये, इसे लेकर खुद अखिलेश यादव भी कह चुके हैं कि नेताजी से कोई किसी कागज पर हस्ताक्षर करा सकता है, ऐसे ही मुलायम ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर बार-बार बयान बदले|
सियासी गलियारों में यह सवाल तेजी से गुंज रहे हैं
शिवपाल सिंह यादव के नया सेकुलर मोर्चा बनाने के एलान के पीछे वजह क्या है, कहीं ऐसा तो नहीं कि समाजवादी पार्टी में खुद को अपमानित व असहज महसूस कर रहे शिवपाल पार्टी के मौजूदा नेतृत्व को अपनी बर्खास्तगी के लिए मजबूर कर देना चाहते हैं, जिससे उनकी विधायकी बची रहे और उन्हें राजनीतिक रूप से नई राह चुनने का मौका मिल जाए,साथ ही सियासी चौसर पर भतीजे अखिलेश यादव को सबक सिखाया जा सके,पार्टी के अन्य उन विधायकों को भी जोड़ने में आसानी रहे जो उनके समर्थक हैं, सूबे के सियासी गलियारों में ये सवाल तेजी से गूंज रहे हैं|
मुलायम ने राम गोपाल यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि राम गोपाल ने शिवपाल सिंह यादव को इटावा के जसवंतनगर से हराने के लिए पैसा तक खर्च किया था, इसके जब मुझे पता चला तो मुझे जसवंतनगर में सभा तक करनी पड़ी, मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव के प्रोफेसर रामगोपाल यादव को शकुनि बताये जाने वाले बयान पर कहा कि शिवपाल ने तो बिल्कुल ठीक कहा है, शिवपाल ने रामगोपाल यादव को शकुनि बताया, यह बात गलत नहीं है, वह तो शकुनि से भी खराब काम कर रहे हैं, इस बार चुनाव में शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ साजिश हुई, राम गोपाल ने उनको हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जमकर पैसा भी खर्च किया, मैंने 3 जगहों पर प्रचार किया तो चौदह सीटें मिलीं वरना 47 सीटें भी नहीं मिलती, बताओ पहले हमारे 224 एमएलए थे|