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पूरी दुनिया फ़िलिस्तीनी बंदियों का समर्थन करे – रियाज़ मंसूर

करिश्मा अग्रवाल
संयुक्त राष्ट्र संघ में फ़िलिस्तीन के स्थाई प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद और महासभा के प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के नाम अलग अलग पत्रों में फ़िलिस्तीनी बंदियों का कष्ट समाप्त करने के लिए इस्राईल पर दबाव डालने की मांग की है।

क़ुद्स नेट की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ में फ़िलिस्तीन के स्थाई प्रतिनिधि रियाज़ मंसूर ने शनिवार को कहा कि इस्राईल की ग़ैर क़ानूनी नीतियों पर आपत्ति जता कर भूख हड़ताल करने वाले फ़िलिस्तीनी बंदी, शारीरिक समस्याओं का शिकार हो गये हैं और जेल में उन्हें भीषण यातनाएं दी जा रही हैं और उनके साथ मार पीट की जा रही है। उनका कहना था कि फ़िलिस्तीनी बंदियों के साथ जेल में हो रहे इस प्रकार के व्यवहार अमानवीय हैं और इसने फ़िलिस्तीनी बंदियों को मानसिक समस्याओं में ग्रस्त कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में फ़िलिस्तीन के प्रतिनिधि  ने बल देकर कहा कि ज़ायोनी शासन, फ़िलिस्तीनी बंदियों की क़ानूनी मांगों का उत्तर देने के बजाए, इन बंदियों को आतंकवादी कहता है जबकि यह अतिग्रहण के विरुद्ध संघर्ष कर रहे हैं। रियाज़ मंसूर ने कहा कि और सीरिया तथा क्षेत्र में इस्राईल द्वारा आतंकवाद का समर्थ किसी से छिपा नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में फ़िलिस्तीन के स्थाई प्रतिनिधि ने कहा कि ज़ायोनी शशासन की अमानवीय और साम्राज्यवादी नीतियां अस्वीकार्य हैं और फ़िलिस्तीन राष्ट्र के अधिकारों का खुला हनन है। रियाज़ मंसूर ने विश्व समुदाय की चुप्पी की आलोचना की और कहा कि इस प्रकार की कार्यवाहियों और नीतियों के बावजूद, ज़ायोनी शासन के अधिकारियों को आज तक अंतर्राष्ट्री न्यायालय के कटहरे में पेश नहीं किया गया है और न ही उनसे कोई पूछताछ की गयी है।
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