मिस्र में कुछ सांसदों को मिलने वाली धमकियों के बाद, सुरक्षा अधिकारियों ने राजधानी क़ाहिरा में संसद भवन के आसपास सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर दिए हैं।रशिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार मिस्र के संसदीय सूत्र ने बताया है कि मिस्री सांसदों और संसद के कर्मियों को यह बताया गया है कि यदि संसद की इमारत या उन पर हमला हुआ तो वह कैसे स्वयं को सुरक्षित रख सकते हैं।
यद्यपि पिछले दो वर्ष के दौरान मिस्र में तुलनात्मक शांति है किन्तु इस देश में आए दिन बम धमाके और आत्मघाती हमले होते रहते हैं जिसमें अब तक दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं। इन हमलों में सबसे घातक हमला 9 अप्रैल को इंसकदरिया और तन्ता शहरों में काॅप्टिक इसाईयों के चर्च के निकट हुआ था जिसमें दसियों ईसाई हताहत व घायल हुए थे। इस हमले की ज़िम्मेदारी आतंकवादी गुट दाइश ने स्वीकार की थी। इस धमाके के बाद मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह सीसी ने देश में आपातकाल स्थिति की घोषणा कर दी थी।
वर्तमान समय में मिस्र के सुरक्षा अधिकारी टारगेट किलिंग की सूची के बारे में बता रहे हैं जिनमें संसद सभापति अली अब्दुल आल सहित कई सांसदों के नाम शामिल हैं। अब सवाल यह पैदा होता है कि क्या आतंकवादी गुट दाइश ने मिस्र में अपनी गतिविधियां तेज़ कर दी हैं या मिस्र की सरकार केवल देश में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करके दूसरे लक्ष्य साधने के प्रयास में है?