अनुपम राज
ईरान के विदेशमंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने कहा है कि तीस अप्रैल, ईरान के दक्षिणी तट से पुर्तगाली सैनिकों के निष्कासन के दिन को क्षेत्र से विदेशियों और साम्राज्यवादियों के निकलने की दिन की संज्ञा देनी चाहिए।मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने फ़ार्स की खाड़ी के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर अपने एक लेख में लिखा कि फ़ार्स की खाड़ी के क्षेत्र ने हमेशा से विश्व शक्तियों की हस्तक्षेपपूर्ण नीतियों के कारण दुख उठाए हैं। उनका कहना था कि यही कारण है कि इस जलक्षेत्र के स्वतंत्र प्रबंधन के लिए क्षेत्रीय देशों की क्षमताओं पर ईरान द्वारा बल दिए जाने की स्थाई व स्ट्रटैजिक नीति का समर्थन किया जाना चाहिए।
विदेशमंत्री ने बल दिया कि फ़ार्स की खाड़ी के देशों को चाहिए कि एक दूसरे से सहयोग करके ख़तरों के मुक़ाबले में अपने हितों और स्वयं की रक्षा करें और इस मामले के व्यवहारिक होने के लिए क्षेत्र के विध्वंसक युद्धों के अनुभवों, पड़ोसी देशों की भौगोलिक व सांस्कृतिक स्थिति और आधार पड़ोस के अधिकारों पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
तीस अप्रैल को ईरान की दक्षिणी जलसीमाओं से पुर्तगालियों के निकलने के दिन को ईरान में फ़ार्स की खाड़ी राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। ईरान में 30 अप्रैल को फ़ार्स खाड़ी राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 30 अप्रैल को दक्षिणी ईरान के समुद्री क्षेत्र से पुर्तगाली अतिक्रमणकारियों को बाहर खदेड़ दिया गया था। कुछ पश्चिमी शक्तियां विवाद की आग भड़काने और क्षेत्रीय देशों को बहकाने के उद्देश्य से कुछ समय से फ़ार्स खाड़ी का नाम बदलने के प्रयास कर रही हैं जबकि सैकड़ों साल पुराने मानचित्रों में इस क्षेत्र का यही नाम अंकित है। पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने वर्ष 1468 से संबंधित एक मानचित्र जारी किया है, इस मानचित्र में भी इस क्षेत्र का न