वीनस दीक्षित
बहरैनी मुसलमानों ने इस देश के विभिन्न शहरों में आले सऊद की साम्राज्यवादी नीतियों के ख़िलाफ़ विशाल विरोध प्रदर्शन किया। सितरा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार बहरैनी जनता ने देश के विभिन्न शहरों में सड़कों पर निकल कर सऊदी अरब की क्रूर और साम्राज्यवादी नीतियों के ख़िलाफ़ विशाल प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में ऐसे प्लेकार्ड उठा रखे थे जिन पर लिखा था कि आले सऊद गंदी नस्ल के हैं और साथ ही मुसलमानों के ख़िलाफ़ सऊदी सरकार के अपराधों और अत्याचारों की निंदा की।
बहरैन से प्राप्त समाचारों के अनुसार मक़ाबाह, आली और अन्य 17 शहरों में बड़ी संख्या में बहरैनी मुसलमानों ने सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सऊदी सरकार की नीतियों की निंदा करने के साथ ही आले ख़लीफ़ा सरकार द्वारा बहरैन के वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाह शेख़ ईसा क़ासिम की नागरिकता रद्द किए जाने के अन्यापूर्ण क़दम की भी कड़े शब्दों में निंदा की। उल्लेखनीय है कि इसी तरह के प्रदर्शन गुरुवार को भी हुए जिनके दौरान प्रदर्शनकारियों और बहरैनी सुरक्षा बलों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी, खबरों के अनुसार आले ख़लीफ़ा शासन के सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उन पर गोलीबारी की और आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिसमें कई बहरैनी प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे।
शुक्रवार को भी बहरैन के विभिन्न शहरों में बहरैनी मुसलमानों ने जुमे की नमाज़ के बाद आले ख़लीफ़ा और आले सऊद के अपराधों की निंदा की। बहरैनी मुसलमानों ने पिछले साल मिना त्रासदी में शहीद होनेवालों के परिजनों से संवेदना व्यक्त करते हुए रमी जमरात के दौरान सऊदी सरकार की अक्षमता और कुप्रबंधन की भी निंदा की।