बलिया। दुबेछपरा व केहरपुर के कटान पीडितो में यह चर्चा है कि पिछली बार बाढ़ विभाग मानसून नजदीक आने से पहले जिला प्रशासन व बाढ़ विभाग दुबेछपरा रिंग बंधा का मरम्मत कार्य शुरु किया, जिसका हश्र भयावह रहा। तब 30 लाख व 34 लाख का प्रोजेक्ट लहरो में बह गया, क्योंकि मानक का ख्याल भी जल्दी बाजी में नहीं रखा गया था। नदी के बिगड़ैल रूप को देखते हुए बाढ़ विभाग व ठेकेदारो ने हाथ खड़े कर दिये थे। कमोवेश, वही कंडीशन दूबेछपरा में दिख रहा है। यदि समय रहते मानक व सम्भावित खतरों पर ध्यान नहीं दिया गया तो 29 करोड़ का हश्र भी 64 लाख रूपये जैसा हो सकता है।
इस बार बाढ़ विभाग 02 किलोमीटर दूबेछपरा के रिंग बंधे की लम्बाई पर मात्र एक किलोमीटर पर ही काम शुरु कराया है, जबकि मानसून किसी वक़्त आ सकता है। ऐसे में पहले से क्षतिग्रस्त बंधो की हालात क्या होगी, समझा जा सकता है। यही नहीं, विभाग अभी तक गंगा के तलहटी का काम भी पूरा नही कर सका है। दुबेछपरा निवासी बबन राम, नवीन दूबे व केहरपुर निवासी पवन ओझा, शशि कान्त ओझा का कहना है की इसी गति से काम चलता रहा तो स्थिति को भयावह होने से कोई नहीं रोक सकता। उधर, बाढ़ विभाग डेंजर जोन गंगापुर पर समय रहते बाढ़ निरोधक कार्य शुरु नही कराया तो आने वाला समय भयावह होगा। जानकारों का मानना है कि NH-31 व नदी के बीच मात्र 20 मीटर दूरी है, फिर भी बाढ़ विभाग खामोश क्यों है? आखिर किस बात का इंतजार कर रहा है बाढ़ विभाग? कही ऐसा तो नही कि बाढ़ विभाग बाढ़ आने का इंतजार कर रहा है, ताकि पानी का बढ़ाव शुरु हो तो फ्लड फाइटिंग के नाम पर धन का बंदर बाट किया जा सके। अगर समय से काम शुरू होगा तो धन का बंदर बाट करने का मौका नही मिल पायेगा।