शिखा प्रियदर्शनी
लाइफ डेस्क
दादी नानी अक्सर कहा करती हैं ये खाओ वो खाओ बच्चे के लिए फायदेमंद होगा…….हम कई बार ऐसी बाते सुन कर हंस दिया करते हैं या सुनी को अनसुनी कर देते हैं। पर उन पारंपरिक पुरानी नानी दादी वाली बातों को हमारा विज्ञान भी सच बताता है । कैसे ?? आइये जानते हैं।
एक बच्चे के मस्तिष्क की नींव उसके गर्भ में रहते हुए ही पड़ जाती है। यह वह समय होता है, जब उसकी बुद्धिमता और व्यक्तित्व को एक शुरूआती स्वरुप मिल रहा होता है। इस समय के विकास का उसकी सीखने की क्षमता और व्यक्तित्व पर काफी गहरा असर पड़ता है।
ऐसे कई कारण हैं, जो एक अजन्मे बच्चे के मानसिक विकास और बुद्धिमता में वृद्धि करने में सहायक होते हैं। एक माँ का कर्तव्य सिर्फ अपने बच्चे को बड़ा होने के बाद बुद्धिमान बनाना ही नहीं है बल्कि उसे गर्भावस्था से ही आने वाले जीवन के लिए तैयार करना भी है। संतुलित एवं अच्छा आहार गर्भ में पल रहे बच्चे के मार्गदर्शन की पहली सीढ़ी है। इसीलिए गर्भावस्था के दौरान खाएं यह आहार और जो आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास में मदद करेगा।
1.दही
दही में आयोडीन होता है जो स्वस्थ दिमाग के लिए आवश्यक है। क्योंकि आयोडीन की कमी से ही शिशुओं में मानसिक समस्यायें पैदा होती हैं। अगर आप चाहते हैं कि आप के बच्चे का दिमाग अच्छे से विकसित हो तो आप दही खाएं। इसमें आयोडीन की मात्रा कई गुना ज्यादा होती है। यही नहीं दही में प्रोटीन भी होता है जो भ्रूण के विकास में मदद करता है।
2.वसा युक्त्त मछ्ली
दिमाग के संरचनात्मक विकास और इसके भीतर के अरबों न्यूरॉन्स के लिए डीएचए जरुरी होता है। सार्डिन एक ऑयली मछली है जिसमें डीएचए पाया जाता है। लेकिन सैल्मन जैसी अन्य ऑयली मछली में डीएचए तो पाया जाता है लेकिन इनमें मर्क्यरी भी होता है जो भ्रूण लिए बेहद खतरनाक है। इसलिए सार्डिन जैसी कम मर्क्यरी वाली मछली खाएं।
3.अंडे
अगर आप रोज़ अंडे नहीं खाती हैं तो खाना शुरू कर दें। क्योंकि अंडे में कोलिन पाया जाता है जो दिमाग के विकास के लिए जरुरी है। जानकारी ग्रहण करने और यादाश्त अच्छी तभी रहती है जब मस्तिष्क में कोलिन मौजूद हो। अंडे में आयरन और प्रोटीन होता है जो दिमाग के विकास के लिए जरुरी है। कोलिन अंडे की जर्दी में पाया जाता है। इसलिए रोज़ पूरा अंडा खाएं न की सिर्फ अंडे की सफेदी।
4.पालक
गर्भवती महिलाओं के लिए फोलेट बहुत आवशयक है। फोलेट डीएनए और सेल्स की संरचना के विकास में बहुत लाभदायक होता है। इससे तंत्रिका कोशिकाओं का विकास होता है साथ ही उन्हें किसी भी तरह की क्षति होने से बचता है। पालक में फोलेट अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यही नहीं पालक को ज्यादा पका कर ना खाएं इससे फोलेट खत्म होता है।
5.दाल
दाल में भरपूर प्रोटीन और ऊर्जा होती है। प्रसव के बाद दाल को देसी घी के साथ सेवन करना लाभप्रद होता है। मायलेन एक तरह का केमिकल होता है जिससे दिमाग में आसानी से किसी भी प्रकार के सिग्नल भेजे जा सके हैं। दालों में आयरन होता है जिससे मायलेन का उत्पादन होता है।
6.ऐवकाडो
हमारा दिमाग 60% वसा से बना है जिसे फैट की जरुरत है। ऐवकाडो में मोनोअनसेचुरेटेड फैट पाया जाता है जिससे दिमाग के विकास में मदद मिलती है। ऐवकाडो से दिमाग में माइलिन भी बनना शुरू हो जाता है जिससे स्नायु तंत्र को क्षति नहीं होती है।
7.कद्दू के बीज
कद्दू के बीज में जिंक पाया जाता है जो भ्रूण के दिमाग के लिए जरुरी है। इसे आप सलाद में या सादे ही खा सकते हैं।
8.मूँगफली
मूंगफली को दिमाग के लिए सबसे उपयुक्त आहार कहा गया है क्योंकि इसमें हर जरुरी पोषक तत्व पाया जाता है जो बच्चे के दिमाग के लिए जरुरी है। इसमें प्रोटीन, फैट, विटामिन बी और फोलेट पाया जाता है। इसमें विटामिन ई होता है जो डीएचए के लिए जरुरी होता है। मूंगफली को आप पका कर या कच्ची भी खा सकते हैं।