शबाब ख़ान
सहारनपुर: पिछले दिनों जनपद में एक के बाद एक हुई जातिय हिंसा में कई लोग असमय काल के गाल में समा गये, कई घायल हुए जिनमें से कई अब भी विभिन्न अस्पतालों में पड़े है। सोता प्रशासन जब जागा तो काफी देर हो चुकी थी, अब बस प्रशासन की चिंदियां मीडिया में उछाली जा रही थी। प्रशासनिक अफसरों और राजनीतिज्ञों के बीच लखनऊ में बैठक हुई और ‘अफवाहों पर विराम’ लगानें के नाम पर जिले की इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई।
सब जानते है, मीडिया की तेज रफ्तार खबरों का एक ही राज़ है और वह हाई स्पीड़ इंटरनेट सर्विस है, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक या वेब चैनल सबकी रीढ़ नेट है, सो मीडिया में अपनी पिटती भद्द पर रोक लगानें के लिए सहारनपुर को बाकी दुनिया से काटकर दिव्यॉग बना दिया गया बिना सोचे कि इंटरनेट अब सिर्फ मीडिया की जरूरत नही बल्कि स्टुडेंटस्, मॉल, शॉपिंग सेंटर, पेट्रोल स्टेशन, बैंक, ट्रेडिग सेंटर वगैराह भी नेट पर निर्भर हो गये है। एक तरफ डिजिटल इंडिया का नारा लगाने वाली योगी सरकार ने नेट सर्विस बंद करके जनपद को दिव्यॉगों की श्रेणी मे ल़ा खड़ा किया है। बैंक और रेलवे तो खैर अपने वी-सैट सिस्टम से जुड़े होने के कारण काम कर रहे है लेकिन क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तमाल अब नही हो पा रहा। कार में 10 लीटर तेल भरवाने के बाद जब उपभोक्ता क्रेडिट या डेबिट कार्ड पकड़ाता है तो कहा जाता है कि नेट बंद है, कैश में भुगतान करें। अब बताईए यदि नगद जेब में नही है तो क्या गाड़ी से स्टेशन मालिक तेल वापस खीचेगा? हास्यपद है, पहले नेट पर निर्भर करो फिर नेट ही बंद कर दो, जनता खिजलाकर अपने बाल नोचे या अपना सिर फोड़े अपनी बला से। हमने तो जिले की कानून-व्यावस्था दुरुस्त करने के लिए इंटरनेट सर्विस बंद की है।
डीएम महोदय नें सिर्फ दो दिन इंटरनेट बंद करने के लिए जनता से सहयोग मॉगा था, जनता ने दो दिन किसी तरह काटे। आज नेट बंद हुए कई दिन हो गए हैं जिसके चलते पूरे सहारनपुर मे व्यापारियों एव पत्रकारों में भी रोष है। वहीं व्यापार उद्योग मंडल का कहना है कि मोदी जी की नीति के चलते हमने अपने प्रतिष्ठान पर स्वाइप कार्ड मशीन लगाई थी जिससे लोग खरीदारी कर रहे थे और नेट बंद होने के चलते खरीदारी में बहुत फर्क पड़ा है जिससे व्यापार ठप सा हो गया है जिलाधिकारी ध्यान दें और जल्द से जल्द नेट को शुरू करें।