करिश्मा अग्रवाल
आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में रनों के लिहाज से ये किसी भी टीम की सबसे बड़ी हार थी।रविवार को लंदन के ओवल में चैंपियंस ट्रॉफी के मैच में जो हुआ यकीनन इंडियन क्रिकेट फैंस के लिये पूरी तरह से दिल तोड़ देने वाला पल था।ख़िताब तो नही मिला लेकिन चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में पहली बार किसी टीम को इतनी बड़ी हार मिली थी।
जी हां। करोड़ो क्रिकेट फैंस के दिलों को तोड़ते हुए पाकिस्तान ने भारत को चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में 182 रनों के विशाल अंतर से हराकर पहली बार चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया ।पाकिस्तान के 339 रनों के लक्ष्य का सामना करते हुए भारतीय बल्लेबाज ढेर हो गए।सिर्फ चैंपियंस ट्रॉफी में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान से भी यह भारत की सबसे बड़ी हार थी। फखर ज़मां के शतक की मदद से पाकिस्तान टीम ने विशाल 338 रनों का स्कोर खड़ा किया था। हार्दिक पांड्या को छोड़ टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज़ अपने रंग में नहीं दिखा और पूरी टीम महज़ 158 रन बनाकर बुरी तरह पस्त हो गई।
शिखर धवन और रोहित शर्मा की जोड़ी कोई कमाल न दिखा सकी और रोहित शर्मा, आमिर के पहले ओवर में ही शून्य के स्कोर पर वापस पवेलियन लौट गए. कप्तान विराट कोहली और शिखर धवन भी आमिर की गेंद का शिकार हो गए. टीम इंडिया के विकेट गिरने का सिलसिला लगातार जारी रहा। युवराज सिंह भी सिर्फ 22 रन बनाकर शादाब खान की गेंद पर आउट हो गए। मैच फिनिशर धोनी भी काम ना आये और महज़ 4 रन बनाकर हसन अली की गेंद पर विकेट गंवा बैठे वही केदार जाधव भी 9 रन पर ढेर हो गये। लगातार 6 विकेट गंवाने के बाद भारतीय टीम को हार्दिक पांड्या ने कुछ लाज रखते हुए इंडियन स्कोर को कुछ सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने का काम किया और बेहद शानदार बल्लेबाज़ी करते हुए रविन्द्र जडेजा के साथ मिलकर 80 रनों की साझेदारी की. इस दौरान उन्होंने 43 गेंदों पर 6 छक्के और 4 चौको के साथ 76 रनों की आतिशी पारी खेली,लेकिन जडेजा के साथ सही ट्यूनिंग की कमी के कारण भारतीय टीम की आखिरी उम्मीद पांड्या का विकेट भी गिर गया।पांड्या के विकेट के बाद जडेजा भी 15 रन के स्कोर पर आउट हो गए और टीम इंडिया के फैंस का दिल भी टूट गया।
भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया था लेकिन ये फैसला उस वक्त बुरी तरह से गलत साबित हुआ जब पाकिस्तानी ओपनर फखर ज़मां और अज़हर अली ने अपनी टीम को 128 रनों की रिकॉर्ड शुरूआत दे डाली. इसके बाद बुमराह की अच्छी फील्डिंग ने टीम इंडिया को पहली सफलता दिलाई. अज़हर अली 59 रन बनाकर वापस पवेलियन लौट गए. लेकिन टीम इंडिया इस विकेट का मोमेंटम नहीं हासिल कर सकी.इसके बाद फखर ने बाबर आज़म के साथ मिलकर 10.1 ओवर में 72 रनों की अहम साझेदारी कर टीम को 200 रनों तक पहुंचा दिया. इस दौरान फखर ने अपने वनडे करियर का पहला शतक भी लगाया. फखर ज़मां ने 114 रनों की आतिशी पारी खेली जिसके बाद उन्हें हार्दिक पांड्या ने आउट कर वापस पवेलियन भेजा.फखर के विकेट के बाद बाबर आज़म और शोएब मलिक के बीच 47 रनों की अच्छी साझेदारी हुई. लेकिन इसके बाद कप्तान कोहली ने गेंदबाज़ी में चेंज किया और भुवनेश्वर कुमार ने भारतीय टीम को मलिक (12 रन) के रूप में तीसरी सफलता दिलाई.इसके कुछ देर बाद ही बाबर आज़म भी 46 रन बनाकर केदार जाधव की गेंद पर वापस लौट गए.लेकिन अंत में मोहम्मद हफीज़ ने महज़ 23 गेंदों पर 43 रनों की आतिशी पारी खेल टीम के 300 रनों के पार पहुंचाया और भारत के सामने ये विशाल स्कोर खड़ा किया.
पूरी पारी के दौरान भारतीय गेंदबाज़ पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाने में नाकामयाब दिखे.भारतीय टीम के लिए भुवनेश्वर कुमार और हार्दिक पांड्या के अलावा कोई भी गेंदबाज़ अपने रंग में नज़र नहीं आया. भुवनेश्वर कुमार ने अपने 10 ओवरों में स्पेल में 30 रन खर्चते हुए 1 विकेट चटकाया. इसके अलावा रविन्द्र जडेजा (8 ओवर में 67 रन) और आर अश्विन (10 ओवर में 70 रन) के रूप में दोनों स्पिनर्स खासे महंगे साबित हुए. यकीनन लंबे अरसे तक यह हार भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिल में चुभती रहेगी।