शबाब ख़ान
वाराणसी : जी हॉ, ईद की शॉपिंग पूरे शबाब पर है, एक ओर जहॉ महिलाओं से दालमंडी, नयी सड़क जैसे बाजार अटे पड़े हैं वही लहुराबीर, सिगरा, महमूरगंज, रथयात्रा जैसे बाजारों में रौनक आगामी ईद के त्योहार ने बढ़ा दी है। लेकिन इन सबके बीच बिना कैश के खाली एटीएम खरीदारों को मुँह चिढ़ा रहे हैं। जानकारी मिली है कि बैंकों में कैश की किल्लत है। कैश की कमी के चलते खरीदारी सीमित हो रही है।
यूं तो बड़े-बड़े शोरूम व दूकानों में पर कैशलेस की व्यवस्था है इस लिहाज से भले वहां कोई दिक्कत नहीं हो रही है लेकिन जहां कैशलेस की व्यवस्था नहीं है वहां ग्राहकों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। ईद का सबसे बड़ा बाजार दालमंडी और नई सड़क है। यहां पर अधिकतर दूकानों पर कैशलेस की व्यवस्था नहीं है, जिससे परेशानी हो रही है। दालमंडी के कास्मेटिक व ज्वेलरी विक्रेता इमरान ने बताया कि इस बार ईद की खरीदारी बड़ी सीमित हो गई है। पहले जहां 20 रमजान तक 70 फीसदी तक कारोबार हो जाता था, वहीं इस बार 40 से 50 फीसदी तक ही कारोबार हुआ है। होम फर्निशिंग के कारोबार से जुड़े सईद ने बताया कि ईद के दौरान कपड़ों से लेकर ज्वेलरी, फुटवियर, होम फर्निशिंग सभी की खरीदारी होती है। अब हर दूकानदार के पास कैशलेस की व्यवस्था तो नहीं है। नोटबंदी के बाद से ये दिक्कत कई बार आ चुकी है। इससे हमारा कारोबार प्रभावित हो रहा है।
एक नजर में आंकड़ा:
650 से अधिक एटीएम जिले में
50 करोड़ रुपये की हर दिन निकासी
कैश संकट दूर करने को चाहिए 1000 करोड़
जिले के अधिकांश बैंकों के एटीएम में कैश की किल्लत दूर नहीं हो पा रही है। एसबीआई, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई बैंकों में नो कैश का बोर्ड लगा है, इस वजह से लोगों को निराश लौटना पड़ा है। आरबीआई की ओर से नई करेंसी न भेजा जाना इसकी मुख्य वजह मानी जा रही है।
इस बीच बैंकों ने आरबीआई से 1000 करोड़ रुपये मांगे हैं। अगर इतना कैश मिल जाए तो कुछ हद तक समस्या दूर हो जाएगी। कैश का संकट जिस तरह से 15-20 दिनों से बना है, उससे नोटबंदी जैसे हालात हो गए हैं। बैंकों के जमा काउंटर पर जहां रुपये जमा करने वालों की संख्या घटी है वहीं लगभग सभी बैंकों के एटीएम खाली हो गए हैं। इसमें एसबीआई, यूनियन बैंक, एचडीएफसी, बैंक आफ बड़ौदा के दुर्गाकुंड, लंका, भिखारीपुर, सुंदरपुर, लहुराबीर, लहरतारा, चांदपुर रविंद्रपुरी आदि इलाकों में कई एटीएम के शटर आधा गिरे हैं और गार्ड लोगों के गुस्से से बचने के लिए किनारे बैठे रह रहे हैं।
आरबीआई से 500 और 2000 की पर्याप्त नई करेंसी नहीं भेजी जा रही है। सोमवार को बैंकों में नकदी के लिए ग्राहकों की भीड़ लगी रही लेकिन नकदी न होने की वजह से बैंकों की ओर से उसकी सीमा तय कर दी गई हैं, कई बैंकों नें छोटे से बड़े पेमेण्ट केवल 10-10 की नोटों में की है, यानि दस हजार निकालने वाले ग्राहक को 10 रुपए के नोटो के 10 बण्डल मिलेगें, 5 लाख कैश निकालने को आए कस्टमर्स को वापस जाना पड़ रहा है क्योकि अब वो नोटों से भरी बोरी सर पर तो उठाकर ले जाने से रहा। पीलीकोठी बैंक ऑफ बड़ौदा के मैनेजर बताते हैं कि हमारे 90 प्रतिशत ग्राहक मुस्लिम है सो हम किसी तरह कैश बॉट रहे है। आज कैश चेस्ट से केवल 10 के नोटो के पैकेट मिले, हमने कस्टमर्स की ईद की जरूरत को पूरा करनें के लिए 10 के नोटो में ही भुगतान किया।
अग्रणी बैंक प्रबंधक रंजीत सिंह के मुताबिक नगदी न मिलने की वजह से ही इस तरह की समस्या बनी है। आरबीआई की ओर से 1000 करोड़ रुपये मिले तब जाकर कुछ हद तक समस्या दूर होगी। इसके लिए पत्र व्यवहार किया जा रहा है। बताया कि जिनके पास नई करेंसी है, वह जमा भी नहीं कर रहे हैं, जिससे कि संकट कम हो।