शबाब ख़ान
वाराणसी : जरूरी नही की अपनी मंजिल पाने के लिए आपके हालात आपके साथ हो, कभी-कभी कठीन और विषम परिस्थिति में भी इंसान अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के बल पर भी कुछ बड़ा कर सकता है, और जब ऐसा होता है तो बनता है इतिहास। जी हॉ, एक कीर्तिमान बना है, इसे आप इग्नु का कहें या वाराणसी सेंट्रल जेल का, लेकिन वास्तव में कीर्तिमान बना है। चलिए बताते हैं कि हुआ क्या। इग्नू यानि इंदिरा गॉधी ओपेन युनिवर्सिटी के एक कैदी छात्र ने डिप्लोमा इन टूरिज्म स्टडीज में टॉप कर गोल्ड मेडल हासिल किया है।
इग्नू के 29वें दीक्षांत समारोह में सेंट्रल जेल के इस कैदी छात्र सुरेश राम को स्वर्ण पदक से नवाजा गया है। यही नहीं बीएचयू के कमच्छा स्थित शिक्षा संकाय में संचालित इग्नू के अध्ययन केंद्र की एमए इतिहास की छात्रा दीप्ति कुमारी ने भी टॉप कर स्वर्ण पदक हासिल किया है। इन दोनों ही मेधावियों को इग्नू की ओर से शनिवार को इग्नू के क्षेत्रीय केंद्र बीएचयू में सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी व कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी मौजूद रहे। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. एएन त्रिपाठी ने बताया कि किसी कारागार से लगातार दो साल तक कैदी द्वारा स्वर्ण पदक प्राप्त करना अपने आप में अद्भुत रिकार्ड है। इग्नू ही नहीं काशी के लिए ये गौरव का पल है।