(जावेद अंसारी)
रविवार को अचानक बढ़े तापमान ने लोगों को झुलसा दिया। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में 47 डिग्री तक तापमान दर्ज किया गया। 4 जून बनारस में साल का सबसे गर्म दिन रहा। रविवार को इतनी ज्यादा गर्मी थी कि घरों में लगे कूलर, पंखे बेअसर हो गए। मौसम विभाग के मुताबिक गर्मी का प्रकोप अभी अगले तीन दिनों तक जारी रहेगा (जी हाँ) आज बनारस में एक ऐसे सीधे साधे शांति प्रिय मुसलमान को देखा गया, जो एसी कुलर पंखे के निचे से हटने का नाम ही नहीं ले रहे फिर भी उनके पुरे शरीर पसीने से लहुलुहान हैं लेकिन उस रोज़ेदार भाई का कहना है कि ये पसीने तो कुछ भी नहीं हैं जब मैं इफ्तार करने के लिए अल्लाहु अक्बर की जैसे ही हमारे कान में आवाज़ आएगी तब हमें वो पसीना याद आएगा,
जब हम खजुर और रोअब्ज़ा के सरबत के साथ रोज़ा खोलेंगे तो हमारी जुबान से यही अलफ़ाज़ निकलेगा कि कास्ह थोड़ा गर्मी और बड़ गई होती, जी हाँ इतना ही नहीं आगे उन्होनें कहा कि हम सच्चे मुसलमान है ये पसीने तो कुछ भी नही है, इसका फल हमें आखिरत में मिलेगा, लेकिन रमज़ान का महीना आते ही हम रोज़ा रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
रोज़े का इंसान के दिमाग़ और उसके शरीर दोनों पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। रोज़ा एक वार्षिक ट्रेनिंग कोर्स है। जिसका उद्देश्य इंसान की ऐसी विशेष ट्रेनिंग करना है, जिसके बाद वह साल भर ‘स्वयं केन्द्रित जीवन’ के बजाए, ‘ईश्वर-केन्द्रित जीवन’ व्यतीत कर सके। रोज़ा इंसान में अनुशासन (Self Discipline) पैदा करता है।ताकि इंसान अपनी सोचों व कामों को सही दिशा दे सके। रोज़ा इंसान का स्वयं पर कन्ट्रोल ठीक करता है। इंसान के अन्दर ग़ुस्सा, ख़्वाहिश (इच्छा), लालच, भूख, सेक्स और दूसरी भावनाएं हैं। इनके साथ इंसान का दो में से एक ही रिश्ता हो सकता है: इंसान इन्हें कन्ट्रोल करे, या ये इंसान को कन्ट्रोल करें। पहली सूरत में लाभ और दूसरी में हानि है। रोज़ा इंसान को इन्हें क़ाबू करना सिखाता है। अर्थात् इंसान को जुर्म और पाप से बचा लेता है।रोज़ा रखने के बाद इंसान का आत्मविश्वास और आत्मसंयम व संकल्प शक्ति (Will Power) बढ़ जाती है। इंसान जान लेता है कि जब वह खाना-पानी जैसी चीज़ों को दिन भर छोड़ सकता है, जिनके बिना जीवन संभव नहीं, तो वह बुरी बातों व आदतों को तो बड़ी आसानी से छोड़ सकता है। जो व्यक्ति भूख बर्दाश्त कर सकता है, वह दूसरी बातें भी बर्दाश्त (सहन) कर सकता है। रोज़ा इंसान में सहनशीलता के स्तर (level of Tolerance) को बढ़ाता है।
तीन दिन बाद बदलेगा मौसम का मिजाज
मोरा तूफान के दौरान हुई हल्की बारिश से लोगों को कुछ राहत मिली थी लेकिन रविवार को पूरे उत्तर भारत में जिस तरह से पारा चढ़ा उससे लोग झुलसते नजर आए। इधर कई दिन से बारिश नहीं होने से तापमान बेहद बढ़ा हुआ है। फिलहाल अगले तीन दिनों तक भीषण गर्मी से निजात मिलती नहीं दिख रही। लेकिन मौसम विभाग के पूवार्नुमान के मुताबिक मंगलवार के बाद से मौसम कुछ राहत देनेवाला होगा़।तीन दिन बाद देश के पूर्वी क्षेत्र के अधिकांश जगहों पर प्री मानसून दस्तक दे रहा जिसमें हल्की बारिश हो सकती है। वहीं कई इलाकों में बादल छाएंगे जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम विभाग के अनुसार 6 जून के बाद कई जगहों पर आंधी के साथ गरज और हल्की बारिश का अनुमान है।
रोजेदार भी बरतें खास एतिहात
सहरी के समय गर्म चाय और दूध जरूर लें,
मिल्क प्रोडक्ट का सेवन ज्यादा मात्रा में करें,
इफ्तार के समय अत्यधिक मात्रा में खजूर खाएं,
एक साथ अधिक मात्रा में पानी न पीएं,
नारियल पानी का सेवन करें,
रात में कम मात्रा में भोजन करें,
ज्यादा मीठा खाद्य पदार्थ से बचें,
ड्राई चिकेन का प्रयोग करें,
फलों की सेवन करें (350 ग्राम तक) ।
गर्मी से बचाव के उपाय –
पानी, नीबू व तरल पदार्थ का खूब सेवन करें,
घर से निकलने से पहले मुंह पर कपड़ा बांधें,
सड़े-गले पदार्थ न खाएं,
गर्म और ताजा खाना खाएं,
पेटभर खाने के बजाए इफ्तार में थोड़ी-थोड़ी दो तीन बार खाएं,
उल्टी-दस्त होने पर नमक पानी का घोल लें, पेट में गड़बड़ होने से तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें,
दिन में न्यूनतम दो बार जरूर नहाएं,
सूती व हल्के रंग का कपड़ा पहने,
बच्चों को खड़ी गाड़ियों में न छोड़ें।
तापमान पर एक नजर
दिनांक अधिकतम न्यूनतम
4 जून -45 डिग्री – 34 डिग्री
5 जून -44 डिग्री- 33 डिग्री
6 जून -42 डिग्री – 31 डिग्री
7 जून -38 डिग्री- 28 डिग्री
8 जून -36 डिग्री – 26 डिग्री
रांची की गर्मी ने जून माह में 51 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
राजधानी में गर्म हवा ने रविवार को कहर बरपाया। झुलसाती हवा के कारण रांची के तापमान ने जून माह का रिकॉर्ड तोड़ डाला। चार जून को रांची में 43.0 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जो माह के अबतक का सर्वोच्च तापमान है। यह सामान्य से छह डिग्री अधिक है। इससे पूर्व 10 जून-1966 में भीषण गर्मी पड़ी थी। छह के बाद बदलाव : भारत मौसम विभाग रांची के निदेशक बीके मंडल के अनुसार अगले 24 घंटे में भी रांची में गर्मी का प्रकोप रहने की संभावना है। पांच जून के बाद मौसम में बदलाव आने की संभावना है। छह-सात जून को रांची समेत कुछ हिस्सों में बादल छाने की संभावना है, जिससे बारिश हो सकती है।
जुन में रांची का तापमान (डिग्री में)
दिनांक सर्वोच्च तापमान
तीन जून, 2007 40.6
एक जून, 2008 37.0
23 जून, 2009 41.3
तीन जून, 2010 42.2
एक जून, 2011 38.0
तीन जून, 2012 42.2
नौ जून, 2013 35.0
11 जून, 2014 40.7
10 जून, 2015 41.0
11 जून, 2016 40.0