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पूरे भारत में धुमधाम से ईद का त्योहार मनाया जा रहा है।

(जावेद अंसारी)
पूरे भारत में धूमधाम से ईद का त्योहार मनाया जा रहा है, लखनऊ, इलाहाबाद, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पटना, बलिया, बलरामपुर, में आज ईद का चांद देखा गया। मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि आज चांद देखा गया और कल ईद मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कल ईद के मौके पर कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भी दुआ की जाएगी। ईद के त्योहार के साथ ही महीने भर से चला आ रहा रमज़ान का पाक महीना भी आज खत्म हो गया।

वही दुसरी ओर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती न पत्रकारों से बात करते हुए पूरे देशवासियों और खासतौर से उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समाज के सभी लोगों को ईद की दिली मुबारकबाद दी है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि देश के वर्तमान हालात के मद्देनजर वे अपने देश में शान्ति-व्यवस्था व आपसी भाईचारे को बढ़ाने के लिए भी कुदरत से दुआ करे, क्योंकि समाज की तरक्की में ही सबकी व मुल्क की तरक्की निहित है और बिना अच्छी कानून-व्यवस्था के समाज व मुल्क तरक्की नहीं कर सकता।
आगे मायावती ने कहा कि पूरे एक महीने तक रमज़ान का रोज़ा रखने का तरावीह की नमाज़ आदि की इबादत करने के साथ-साथ गरीबों को आथर्कि मदद के रूप में ज़कात व फितरा अदा करने के बाद अब उनके लिए खुशी मनाने का दिन आया है।भारतीय मुसलमान व उनके त्योहार हमारी समृद्ध भारतीय संस्कृति का सदियों से अभिन्न हिस्सा है। बसपा का यह प्रयास सतत् जारी रहेगा कि भारतीय समाज के अन्य लोगों की तरह ही हमारे मुस्लिम समाज के लोग भी सुखी व सम्पन्न हों और उनका जीवन भी खुशहाल रहे तथा वे अमन-चैन के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें। बता दें कि सउदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में ईद कल मनाई गयी थी. वहां रविवार के दिन ईद मनाने का फैसला रमजान के महीने के बाद चांद नजर आने के बाद लिया गया है।
क्या है ईद की अहमियत
ईद की अहमियत माहे रमजान के रोजे रखने पूरे महीने इबादत करने और गरीबी की मदद करने में कामयाबी पाई जाती हैं ईद उसका भी जश्न हैं ईद के रोज जो नमाज पढ़ी जाती है बंदे की तरफ से अल्लाह को शुक्रिया अदा की जाती है ईद अल्लाह से इनाम लेने का दिन है इस मुबारक दिन में मुस्लिम समुदाय सेवई बनवाते हैं वह नए कपड़े पहन कर मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं नमाज के बाद सभी लोग गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे के गले लगते हैं और बधाई देते हैं, इस त्यौहार का नाम ईद-उल-फितर इसलिए पड़ा क्योंकि ईद के दिन नमाज से पहले सभी मुस्लिम की फितरा अदा करते हैं जकात भी निकलते हैं फितरे का अर्थ है सुबह निर्धन एवं फकीरों को पैसे की शक्ल में फितरे की रकम देना कहां जाता है कि दान या जकात किए बिना ईद की नमाज नहीं होती है मुस्लिम के पाक महीने में रमजान के तीसरे दिन आखरी रोजा के बाद चांद देखकर ईद मनाया जाता है रमजान के पाक महीने के दौरान कुरान नाजी़ल हुआ था इसलिए इस माह कुरान अधिक पढ़ी जाती है, रमजान इस्लामी कैलेंडर का 9वां महीना है इस महीने के खत्म होते ही 10वां शव्वाल शुरू होता है शव्वाल माह की पहली चांदरात ईद की चांद रात होती है।
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