समीर मिश्रा/मनीष गुप्ता.
कानपुर: ईद नें दस्तक दे दी है, दो दिन में शाम के उजले आसमान में एक महीन सा सुनहरा धागे जैसा ईद का चॉद नुमाया होगा और अगले दिन सुबह क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बुजुर्ग सभी नए कुर्ते पाएजामें में इत्र लगाकर नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों और ईदगाह का रुख करेगें।
ईदगाह एक ऐसा साफ-सुथरा विशाल मैदान होता है जहॉ एक साथ 20-25 हज़ार लोग ईद की नमाज अदा करने के लिए इक्कठ्ठा होते हैं। बाकी दूसरे नगरों की तरह कानपुर में भी रेल बाज़ार क्षेत्र में एक विशाल ईदगाह है जहॉ हर साल ईद वाले दिन हजारो की तादाद में लोग नमाज पढ़ते आये है, जो इस साल मुश्किल लगता है। कारण हम आपको बताते है।
पीएनएन24 न्यूज के सवांददाता ने अाज रेल बाज़ार स्थित ईदगाह का दौरा किया, उनकी रिपोर्ट और भेजी गई तस्वीरें सब कुछ बयां कर गयी। पूरे भारत वर्ष में सफाई अभियान चल रहा है। नगर निगम के स्थाई सफाई कर्मचारियों के अतिरिक्त निविदा पर भी हजारों कर्मियों की भर्ती हुई, नाम दिया गया सफाई मित्र। हमें समझ नही आता कि इन सफाई कर्मचारियों या मित्रों से एक ही सड़क पर दिन में चार बार झाडू लगवाने के बजाए वहॉ क्यो नही लगाया जाता जहॉ वास्तव में भीषण गंदगी है।
ईदगाह का हाल आप तस्वीरों में देख रहे हैं। गाय-सांढ, कुत्तों यहॉ तक की सुअरों का बोलबाला है उस जगह पर जो सबसे पाक-साफ होनी चाहिए। क्या वहॉ नमाज पढ़ी जा सकती हैं जहॉ सुअर लोट रहे हों? कदापि नही। हैरत होती है प्रशासन की हीलाहवाली देखकर, या फिर वार्ड से जिम्मेदार सभासद के गैर जिम्मेदाराना रवैये को देखकर। ईद करीब आती देख सभासद महोदय को ईदगाह की सफाई के लिए नगर निगम से वहॉ की साफ-सफाई की व्यवस्था करवाना चाहिए था, लेकिन फिलहाल नगर निगम प्रशासन, सभासद सभी शायद ईद का चॉद दिखाई देने का इंतजार कर रहे है। चॉद देख लेने के पश्चात ही ईदगाह की किस्मत खुलेगी और वहॉ की साफ-सफाई होगी, उसके बाद ईदगाह को फिर से पूरे साल के लिए आवारा जानवरों के हवाले कर दिया जाएगा। हद है उदासीनता की।