शबाब ख़ान
मिर्जापुर: वाराणसी के पडोसी जिले से एक शर्मसार कर देने वाली खबर है। यहॉ महिला डाक्टर द्वारा प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला को बिना जांच किये ही मात्र उसकी पर्ची देखकर लौटा देने का मामला प्रकाश में आया है, फलस्वरुप पीड़िता नें अस्पताल के गेट पर बच्चे को जन्म दे दिया। यह देखकर सकपकाये अस्पताल कर्मियों नें महिला को अस्पताल में भर्ती कर लिया। हालांकि इसकी शिकायत पीड़िता के परिजनों नें सीएमओ से कर लापरवाही बरतने वाली डाक्टर के खिलाफ कार्यवाई की मॉग की है। लेकिन सीएमओ ने किसी प्रकार की शिकायत मिलने से इंकार किया है।
बरैनी गांव निवासिनी सुमन को शनिवार को सुबह 10 बजे प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस से सीएचसी कछवां लाया गया। चिकित्सक डा. दिव्या सिंह ने एक महीने बाद बच्चा पैदा होने की बात कहकर उसे घर भेज दिया। महिला जैसे ही अस्पताल के गेट पर पहुंची तो दुबारा पीड़ा होने लगी और उसने गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। उसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने उसे अस्पताल में भर्ती कर लिया। इस संबंध में सीएचसी के डा. सीबी पटेल का कहना है कि महिला के पर्ची पर प्रसव की तारीख एक माह बाद की थी।
लिहाजा डाक्टर ने उसे देखने के बाद एक महीने बाद आने को कहा। मगर बच्चा महीने भर पहले ही पैदा हो गया। उधर, प्रसूता सुमन के पति शिवमंगल माझी का आरोप है कि डाक्टर ने उसकी पत्नी को बगैर देखे एक महीने बाद प्रसव के लिए आने को कह दिया। उन्होंने ठीक से जांच की होती तो पीड़िता कि हालत का पता चल जाता। अस्पताल के गेट पर प्रसव के दौरान किसी डाक्टर या कर्मचारी ने उसकी सहायता नहीं की। महिला के परिवार वालों का कहना है कि इस मामले की शिकायत उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की है लेकिन सीएमओ डा. विधु गुप्ता ने मामले की जानकारी से इनकार किया है। उनका कहना है कि अगर पीड़ित शिकायत करता है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।