वाराणसी (अजरुद्दीन)
पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान की एक बयार चली हुई है. जिसको देखकर वह कैमरा के सामने आते हुए झाड़ू लेकर सड़क पर नजर आ रहा है. मगर लगता है वाराणसी नगर निगम को इस से कोई भी लेना देना नहीं है. उसके तो सफाई अभियान केवल शायद कमरों तक ही चलती है. शायद नगर निगम का जोनल अधिकारी को तेलियाबाग में बह रहा यह सीवर नहीं दिखाई देता है. विगत महीने से बह रहा यह सीवर क्षेत्रीय जनता के लिए एक खाज बना हुआ है. क्षेत्रीय जनता लगातार संबंधित अधिकारियों को फोन करती है. उनको आश्वासन मिलता है .
क्षेत्रीय जनता लगातार सीवर साफ करने के लिए कंप्लेन करती है. तो उनको कंप्लेंट नंबर मिलता है, मगर सीवर तो साहब आज भी नहीं साफ हुआ, आज भी सीवर लगातार एक महीने से सड़कों पर बह रहा है. इधर से गुजरने के लिए आपको अपना बचपन याद करके उछलते हुए गुजर ना पड़ेगा, अन्यथा आप अपने कपड़ों को गंदा कर बैठेगे. मगर इन सबका जेई महोदय को ऊपर कोई असर नहीं पड़ता है. वह तो सिर्फ साफ-साफ कहते हैं कि आपने कंप्लेंट कर दिया, हमने ले लिया, हमारे पास आदमी जब खाली रहेगा तो भेजेंगे. यह लगातार एक महीने से चल रहा है. मगर सीवर की सफाई तो आज तक ना हुई. पर खास तौर से कोढ़ में खाज तो उस समय होना चालू हो गया, जब यह सीवर का पानी पाइप लाइन में मिलकर के लोगों के घरों में आ रहा है. इस बदबूदार पानी को पीने के लिए क्षेत्रीय जनता मजबूर है. मगर नगर निगम वाराणसी को इसके कोई फर्क नहीं पड़ता है. तेलियाबाग के मकान नंबर सी 28/4 से लेकर 28/12 तक सीवर के पानी के कारण गली में एक नदी बह रही है. मगर इसको साफ करने का मन लगता है, नगर निगम के सफाई कर्मियों को नहीं है, इस संबंध में जो हमने संबंधित जेई से बात किया तो उनका कहना है कि शिकायत दर्ज की जा चुकी है, जल्दी हम इस का निस्तारण करवा देंगे. लगता है जेई साहेब का जल्द शायद दो-चार साल के बाद होगा. जब क्षेत्र में महामारी फैल जाएगी और कुछ लोग अस्पतालों में तो कोई कब्रिस्तान में कोई श्मशान पर दिखाई देगा. मगर इससे क्या फर्क पड़ता है, भाई साहब को तो महीने की पगार समय से मिल रही है. उनके अधिनस्थों को भी महीने की पगार समय से मिल रही है, फिर काम कौन करना चाहेगा. अब देखते हैं कि साहब का यह जल्दी कब होता है.