सी0 पी0 सिह विसेन
इलाहाबाद। बलिया के बर्खास्त डीआईओएस रमेश सिंह के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई. जांच में दोषी पाए जाने के बाद भी बर्खास्तगी न होने से हाईकोर्ट नाराज. कोर्ट ने पूछा कि बर्खास्तगी के बाद भी डीआईओएस का कैसे हुआ तबादला, जबकि नियुक्तियों में भी रमेश सिंह पर धांधली का है आरोप. हाईकोर्ट ने 28 जून को माध्यमिक शिक्षा सचिव से माँगा है जवाब.
बलिया संवाददाता के मुताबिक डीआइओएस रमेश सिंह की बर्खास्तगी के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा गया है. इसको लेकर जेडी आजमगढ़ रामचेत टीम के साथ जनपद में गुरुवार को पहुंच गए. जिविनि कार्यालय में रमेश सिंह के कार्यकाल की फाइलों को खंगाला. साथ ही कोषागार में पहुंच कर वेतन व एरियर भुगतान से संबंधित जानकारी हासिल की. इस दौरान जेडी मीडिया को कुछ भी बताने से कतराते रहे और बोले कि व्यक्तिगत काम से आए हैं. इसलिए स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी. डीआइओएस कार्यालय में वह कई घंटे बैठ कर संबंधित पटल के बाबूओं से कागजातों के बारे में पूछताछ करते रहे. इस दौरान वह कई फाइलों को विशेष रूप से हिदायत देकर रखने का कहते रहे. इससे कर्मचारी भी सकते में पड़ गए थे.
कार्यालय खुलते ही अचानक जेडी को टीम संग पहुंचते देख कर्मचारी पूरी तरह से अवाक हो गए. इससे विभाग में हड़कंप मच गया. जेडी ने एक एक बाबू से अलग-अलग बात की. इसके बाद ट्रेजरी के लिए निकल गए. वहां करीब दो घंटे तक वरिष्ठ कोषाधिकारी प्रकाश सिंह से वेतन व एरियर भुगतान के बारे में जानकारी ली. साथ ही कागजातों को देखा. जेडी के आने व जांच करने की घटना को बर्खास्त डीआइओएस रमेश के प्रकरण से जोड़कर देखा जा रहा है