(जावेद अंसारी)
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए इस समय को आपतकाल बताते हुए कहा कि जो लोग सरकारी भोंपू नहीं बनते उन पर मुकदमा किया जा रहा है। लालू ने समाचार चैनल एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के आवास पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, दिल्ली की हुकूमत मीडिया को भाट-चारण’ परंपरा में ले जा रही है। जो विरोध करे, उन्हें एजेंसियों के माध्यम से दबा दो। एकजुट होकर साथ आएं और मुल्क बचाएं। लालू ने एक साथ कई ट्विट किए।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने एनडीटीवी को टैग करते हुए लिखा, सच को दबाने और असहमति की हर आवाज को कुचलने की हर कोशिश को बेनकाब करने में सदैव साथ थे, हैं और रहेंगे। लालू ने इस समय को आपातकाल जैसा बताते हुए ट्वीट कर लिखा, जो नेता, पत्रकार और मीडिया घराना उनके नाम का बाजा नहीं बजाएगा, सरकारी भोंपू नहीं बनेगा, उन पर यह सरकार मुकदमे और छापेमारी करा रही है। यही आपातकाल है।
इससे पहले दिल्ली के सीने अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि हम एनडीटीवी समूह और डॉक्टर रॉय के घर पर पड़े छापे का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र और सरकार विरोधी आवाजों को चुप करने का प्रयास है। वहीं, ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि डॉक्टर प्रणव रॉय के घर पर सीबीआई की छापेमारी की खबर से हैरान हूं। वह एक सम्मानित और अच्छी छवि वाले व्यक्ति हैं।
आपको बता दे कि सीबीआई की ओर से की गई छापेमारी को लेकर NDTV ने बयान जारी किया था। चैनल ने कहा कि CBI पुराने आरोपों के जरिए NDTV और इसके प्रमोटर्स को केवल परेशान कर रही है। एनडीटीवी और उसके प्रमोटर विभिन्न एजेंसियों की ओर से की जा रही इस बदले की कार्रवाई के खिलाफ लगातार लड़ते रहेंगे। इसमें कहा गया, हम भारत में लोकतंत्र और बोलने की स्वतंत्रता को बुरी तरह से कमजोर कर देने के इन प्रयासों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे।
सीबीआई रेड को लेकर एडिटर्स गिल्ड ने भी गहरी चिंता जताई थी। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने NDTV के दफ्तरों और उसके प्रमोटर्स पर की गई छापेमारी पर गहरी चिंता जताते हुए कहा था कि पुलिस और अन्य एजेंसियों की मीडिया ऑफिस में एंट्री बहुत ही गंभीर मामला है। एडिटर्स गिल्ड का मानना है कि कोई भी व्यक्ति या संस्थान कानून से ऊपर नहीं है लेकिन मीडिया का मुंह बंद करने के प्रयास की भी निंदा करता है और सीबीआई से नियत कानूनी प्रक्रिया का अनुपालन करने तथा यह सुनिश्चित करने का आग्रह करता है कि न्यूज ऑपरेशंस के स्वतंत्र संचालन में किसी भी तरह का हस्तक्षेप न हो।