आसिफ रिज़वी.
मऊ (घोसी) एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ प्रदेश की सड़को को 15 जून तक गड्ढा मुक्त करने का फरमान जरी किया हुवा है वही उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के घोसी कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मखदुमपुर के रहने वाले दो युवक की मौत सिर्फ सड़क के गड्ढो की वजह से हो जाती है. मुख्यमत्री के दिए हुवे फरमान की तारीख में सिर्फ 14 दिन ही बचे है. लेकिन अधिकारियो के गैर जिम्मेदाराना रवैये की वजह से अभी भी सड़क के गड्ढो को भरा नहीं जा सका है और इसका खामियाजा दो बाईक सवारों को अपनी जान गवा कर देना पड़ता है. अब इन दो मौतों का जिम्मेदार कौन है
आप को बता दे की घोसी थाना क्षेत्र के रहने वाले ईश्वर चन्द्र ( 20 वर्ष ) एवं सुनील ( 25 वर्ष) जो कि दोनों व्यक्ति अपने घर से घोसी किसी काम से आ रहे थे की गौरीडीह के पास अचानक मोटर साइकिल सड़क पर बने बड़े बड़े गड्ढों की वजह से अनियत्रित को कर सड़क के नीचे गिरते हुवे शीशम के पेड़ से टकरा गयी जिसकी वजह से मौके पर ही सुनील की मौत हो गयी. वही दुसरे बाईक सवार ईश्वर को एम्बुलेंस द्वारा मऊ ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो जाती है.
दोनों परिवारो में मौत की खबर मिलते कोहराम मच गया। दोनों परिवारों के लोगो का रोते रोते बुरा हल है. क्योकि सुनील की शादी लगभग दो वर्ष पूर्व गीता से हुई थी। एक वर्ष की उसकी बेटी सोनाक्षी के सिर से उसके पिता का साया उठ गया. वही सुनील की माँ सजीरा देवी ने अपने लाल को खो दिया. एक बसे बसाये घर को उजाड़ने का जिम्मेदार कौन है क्या कोई इसका जवाब दे सकता है क्या ?
अब सवाल ये उठाना लाजमी है की अगर योगी सरकार के कर्मचारी और पी डब्लू डी कर्मचारी सड़क में बने गड्ढे को पहले ही भर दिया होता तो शायद इन दो युवको की मौत नहीं होती. वाह रे योगी सरकार आप के भी राज में पिछली सरकार की तरह ही अधिकारियो और कर्मचारियों को मुख्यमंत्री के दिए गये शासनादेश और फरमान का कोई फर्क नहीं पड़ता है. चाहे इनकी वजह से किसी की जान ही क्यों न चली जाती हो, हर रोज इन ख़राब सड़को की वजह से आये दिन घायल होते रहते है. अब प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ ही बताये की कब तक अधिकारियो का रवैया ऐसा ही रहेगा और कब तक इन ख़राब सड़को पर लोग घायल और मौत के शिकार होते रहेंगे.