कुमारी श्वेता सिंह और कु. समर रुदौलवी की सनसनी खेज़ रिपोर्ट
कानपुर. जुआ समाज के लिए एक कलंक है. जुआ के लत ने कई घरो को बर्बाद कर दिया है. यह एक ऐसा अवैध कारोबार है जिसमे खिलाड़ी जितना भी तेज़ दिमाग का हो उसको हारना ही हारना है. इसमें जीत सिर्फ और सिर्फ संचालक की होती है. जुआ कई शक्ल में होता है. जैसे हाथी घोडा, नंबर गेम, पर्ची इत्यादि. इनमे से ताश के 52 पत्तो के साथ जुआ सबसे अधिक प्रचलित हुआ. शहर के रेलबाज़ार क्षेत्र में इस प्रकार के कई अड्डो के बारे में हमको जानकारी मिली, इस सम्बन्ध में हम दोनों महिला पत्रकारों पर किसी को शक भी नहीं जायेगा तो हम भी एक पड़ताल में लग गए.
जानकारी प्राप्त करने के दौरान हमको पता चला कि किताब बहुत जोरदार चल रही है, अब हमारे सामने प्रश्न यह था कि आखिर ये किताब होती क्या है. जब हमने जानकारी इकठ्ठा किया तो ज्ञात हुआ कि ताश के पत्तो को जुआ के भाषा में किताब कहा जाता है. समाज के इस कलंक को हम दोनों महिला पत्रकारों ने अपने कलम के जोर पर समाज के सामने लाने की एक मुहीम छेड़ दिया और हम निकल पड़े इसके बारे में अधिक जानकारी इकट्टा करने के लिए.
हमारी पड़ताल को विराम लगा थाना रेल बाज़ार क्षेत्र में स्थित डीलाईट टाकीज के पास. यहाँ संचालित होने वाले एक जुआ के अड्डे के बारे में जानकारी मिलने के बाद हमारे कदम उस तरफ बढ़ गए. डीलाईट टाकिज के पास बर्फ फैक्टरी के ठीक ऊपर जहा कभी जिम हुआ करता था आज जुआ का एक बड़ा सेंटर बन चूका है. हम इस जुआ के अड्डे पर पहुच चुके थे, यहाँ देखा एक व्यक्ति ज़मीन पर बैठ कर ताश के पत्ते हाथो में लिए है. इसके द्वारा ताश के पत्तो को खूब फेटा गया, उसके बाद उसने पूरी गड्डी अपने पास बैठे एक व्यक्ति के आगे बढाई. उस व्यक्ति ने ऊपर के कुछ पत्ते हाथो में लिए और उनमे से एक पत्ता निकाल कर सामने खोल कर रख दिया और बाकी पत्ते उसी व्यक्ति को वापस दे दिए जो पत्ते फेट रहा था. उसने उन पत्तो को ताश के बाकी पत्तो के नीचे के तरफ लगा दिया और एक एक पत्ते दो जगह फेक दिए. अब यहाँ लगने लगा दाव. दाव पर लोगो ने दोनों पत्तो के तरफ पैसे रखने शुरू किये. जब सबकी चाल आ गई तो उसने दोनों तरफ एक एक पत्ते फेकने शुरू कर दिए. जिस पहले से निकाल कर रखे पत्ते वाला नंबर जिस पत्तो के ढेर पर गिरा वह जीत गया और बकिया के लोग हार गए थे, जो जीता था उसको 100 के बदले 1000 मिलना था तो उसके चेहरे पर ख़ुशी के भाव दिखाई दे रहे थे, और हारने वाले के चेहरे पर चिंता कि लकीरे दिखाई दे रही थी. हारने वाला कभी पत्तो को गालिया दे रहा था कभी खुद की किस्मत को.
इस जुआ अड्डे को देख कर हम भी पेशोपेश मे थे कि आखिर पुलिस के नाक के नीचे होने वाले इस जुआ के अड्डे की जानकारी आखिर किस प्रकार पुलिस को नहीं है, अगर स्थानीय पुलिस को जानकारी नहीं है तो फिर उसका पोलिसिंग नेटवर्क कमज़ोर है या फिर किसी विशेष कारण से स्थानीय चौकी इंचार्ज महोदय इस प्रकरण में आंखे बंद किये है. क्षेत्रिय चर्चाओ के अनुसार जुआ केंद्र का सञ्चालन आकाश नामक एक युवक करता है जिसकी स्थानीय पुलिस चौकी पर मज़बूत पैठ है. सूत्रों की माने तो दो अन्य पार्टनर के साथ इस जुआ केंद्र का सञ्चालन करने वाले की बड़ी पैठ का नतीजा है कि इस प्रकार खुल्लम खुल्ला जुआ सेंटर का सञ्चालन हो रहा है.
जो भी हो मगर इस खुल्लम खुल्ला होने वाले जुआ के संचालक भी हमारे कैमरे से नहीं बच सके और कैमरे के फ्रेम में आखिर आ ही गए, यहाँ संचालित जुआ के फुटेज आप समाचार के सम्बंधित वीडियो में देख सकते है, कितनी बेफिक्री और ख़ामोशी से इस जुआ के अड्डे का सञ्चालन करवा रहा है आप खुद देख सकते है.स्थानीय पुलिस कि भूमिका इस प्रकरण में संदिग्ध दिखाई दे रही है. क्षेत्रिय चर्चाओ के अनुसार यहाँ रोज़ लाखो का जुआ संचालित होता है.
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Superb Report. Well Written and quite interesting. Good Luck Ladies.