ए.एस.खाँन के साथ कैमरामैन मो, वकील
लखनऊ. प्रदेश के मुखिया ने शहर की सभी सडकों को 15 जून तक गड्डा मुक्त करने का फरमान तो सुना दिया. किंतु प्रशासन ने इसको किस तरीके से उडा दिया इसका जीता जागता सबूत है राजधानी लखनऊ के ठीक बीच में स्थित मध्य विधानसभा श्रेंत्र का वार्ड मशकगंज. अति व्यस्त बाज़ारों अमीनाबाद तथा नख़ख़ास, के ठीक बीच में पूरब पश्चिम से तथा रकाबगंज तथा सिटी स्टेशन के ठीक बीच उत्तर दश्रिण की ओर से स्थित इस वार्ड की दुर्दशा पर क्षेत्रीय जनता तो वर्षों से आंसू बहा बहा के थक चुकी किंतु विगत कुछ समय से यहां की मुख्य सडक लल्लू मल रोड के गढ्ढों ने न केवल आवागमन बाधित किया है, बल्कि इन गढढों के कारण कितने वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके तथा अन गिनत लोग चोटिल हो चुके हैं.
सनद रहे की कानपूर रोड से चारबाग़ होती हुई रकाबगंज चौराहे से सिटी स्टेशन की ओर से डालीगंज से होकर फ़ैज़ाबाद रोड को जाने वाली मशकगंज की उक्त रोड अतिव्यस्त रहती है, तथा रकाबगंज चौराहे पर अक्सर जाम की सूरत में अमीनाबाद से नख़्ख़ास की ओर जाने वाले वाहन भी इसी रोड का इस्तिमाल करते है वाया राजा बाज़ार. मशकगंज वार्ड के इस एक मात्र मुख्य रोड के दोनों ओर घनी आबादी में बसे 14/- मुहल्लों के नागरिकों के आवागमन हेतु यह एक मात्र रोड पहले से ही जबरदस्त अतिक्रमण की चपेट में तो थी ही. किन्तू विगत कुछ समय से इस रोड पर जान बूझ कर किये गये प्रलयकारी गढढों ने अन गिनत लोंगों को चोटिल किया है !
सबसे निंदनीय बात यह है की ये गढढे मुख्यमंत्री जी के सडकों को गढ्ढा मुक्त करने के बाद किये गये. अब ये किसी सरकारी कार्य, हेतु किये गये अथवा जान बूझ कर सरकार को बदनाम करने के लिए.ये या तो क्षेत्रीय पार्षद जाने या फिर अल्लाह . मगर किंतु सप्ताह भर से खुदे पडे ये गढढे लोगों के रोष का कारण तो बन ही रहे हैं. मुख्यमंत्री जी के आदेशों की खिल्ली भी उडा रहे हैं.