हरिशंकर सोनी
सुलतानपुर. कादीपुर से मिल रही लगातार शिकायत पर आज जिलाधिकारी ने अपने मतहतो की जमकर क्लास लगाई. जिलाधिकारी हरेन्द्रवीर सिंह ने प्रभारी चिकित्साधिकारियों को स्पस्ट निर्देशित करते हुये कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों में किसी भी स्तर पर शिथिलता या लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। जिस स्वास्थ्य केन्द्र की प्रगति खराब पायी जायेगी, सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारी का वेतन रोकते हुये कड़ी कार्यवाही की जायेगी। विभिन्न कार्यक्रमों में खराब प्रगति पाये जाने पर पांच प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुये सुधार के निर्देश दिये। जिलाधिकारी आज कलेक्ट्रेट में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने बैठक में विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों अन्टाइड फण्ड के उपयोग , जे.एस.वाई. के अन्तर्गत लाभार्थियों एवं आशा के भुगतान, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण आदि कार्यक्रमों में भदैयां, लम्भुआ, धनपतगंज, मोतिगरपुर, कादीपुर की खराब प्रगति पाये जाने पर कड़ी चेतावनी देते हुये कहा कि यदि 24 जुलाई तक प्रगति संतोषजनक न पायी गयी तो इन पांचो प्रभारी चिकित्साधिकारियों का जुलाई माह का वेतन स्थायी रूप से रोक दिया जायेगा। उन्होंने अन्टाइड फण्ड के उपयोग की समीक्षा में पाया कि अब तक मोतिगरपुर व कादीपुर की प्रगति शून्य है तथा भदैयां की प्रगति 02 प्रतिशत, लम्भुआ की प्रगति 05 प्रतिशत व धनपतगंज की प्रगति मात्र 10 प्रतिशत है। जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को अन्टाइड फण्ड के उपयोग पर
विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जननी सुरक्षा कार्यक्रम की समीक्षा में पाया कि कुल 7150 डिलीवरी के सापेक्ष 6505 लाभार्थियों को जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिया गया है। इसी प्रकार 4657 के सापेक्ष 4190 आशा बहुओं को जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत मानदेय का भुगतान किया गया है। जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों एवं आशा बहुओं का शतप्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा में पाया कि अब तक 2621 के सापेक्ष 501 विद्यालयों का चिकित्सीय टीम द्वारा भ्रमण किया गया। इसके अन्तर्गत 24906 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसी प्रकार 1433 आंगनवाड़ी केन्द्रों का भ्रमण कर 46598 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम को प्राथमिकता पर लेते हुये विद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों का शतप्रतिशत स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाय। जिलाधिकारी ने नियमित टीकाकरण की समीक्षा करते हुये टीकाकरण कार्यक्रम पर विशेष बल दिया। उन्होंने समीक्षा में पाया कि जिन बच्चों का टीकाकरण किया गया है। उसे एम.सी.टी.एस. पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया है। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि जिन स्वास्थ्य केन्द्रों की प्रगति खराब है, उन्हें सी.एम.ओ. कार्यालय पर 24 जुलाई को बुलाकर डाटा अपलोड करायें। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि नोडल अधिकारी प्रत्येक कार्यक्रम की नियमित समीक्षा करें और अद्यतन प्रगति से अवगत करायें।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी रामयज्ञ मिश्र,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.सी.वी.एन.त्रिपाठी, सी.एम.एस. महिला डॉ. उर्मिला चौधरी, प्रभारी सी.एम.एस. डॉ. बी.बी.सिंह, डी.सी. बी.बी.सिंह, जिला सूचना अधिकारी आर.बी. सिंह व प्रभारी चिकित्साधिकारी व विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का संचालन डी.पी.एम. संतोष कुमार ने किया.
डेंगू रोग से बचाव व उपचार के सम्बन्ध में प्रभावी कार्रवाई की जाय- डी.एम.
जिलाधिकारी हरेन्द्रवीर सिंह ने सभी सम्बन्धित को निर्देशित करते हुये कहा कि डेगूं रोग से बचाव एवं उपचार हेतु प्रभावी कार्रवाई की जाय। उन्होंने इस सम्बन्ध में तत्काल कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी आज कलेक्ट्रेट में डेंगू रोग से बचाव एवं उपचार से सम्बन्धित जिला टास्क फोर्स की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि डेंगू रोग से बचाव एवं उपचार हेतु कार्य योजना तैयार की जाय तथा जिला एवं ब्लाक स्तर पर बैठकें /वर्कशाप आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाय। उन्होंने कहा कि ब्लाक स्तर पर ग्राम प्रधानों की बैठकें आयोजित करें और समुचित सफाई के बारे में जागरूक करें।