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एस के सोनी की कलम से – साहेब जनता कब तक अँधेरे में रहेगी

खीरो में लो बोल्टेज, तो सरेनी में गायब, लालगंज में 5 घंटे, शहर में आठ, गाँवों में गायब,
रायबरेली। (एसके0 सोनी) योगी सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद शहर से लेकर गाँव तक बिजली व्यवस्था बद से बदतर है। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली देने के निर्देश जहाँ एक बेकार साबित हुआ वही अब जनता के सब्र की सीमा भी पार हो चुकी है जिससे लोग नेताओ के सहारे डीएम को ज्ञापन भी सौप रहे है लेकिन उसका असर भी बेकार ही साबित हो रहा, प्रशासन की एक ओर चुप्पी तो जनता भी अब दबी जुबान से सरकार बुरा भला कहने लगी है। मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहर के लोग अब त्राहि त्राहि करने लगे है। सबसे बड़ी बात कि जो थोड़ी बहुत बिजली की सप्लाई मिलती भी है उसमें भी लो वोल्टेज से लोग परेशान हैं तो कही हाई वोल्टेज से,  उसके साथ ही बार-बार त्रिपिग के साथ जबदस्त बिजली कटौती ने तो ग्रामीण और शहरों के लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति के ऐलान के बाद लोगों को आस जगी थी कि अब बिजली कटौती और दूसरी समस्याओं से निजात मिल जाएगी लेकिन लोगो की आस धरी की धरी रह गयी। बिजली विभाग के अधिकारी व लाइनमैन सीधे मुँह बात नहीं कर रहे है यहाँ तक की सीयूजी नं भी बंद कर दिया जाता है। जिले का शहर क्षेत्र त्रहिमान है वही ग्रामीण क्षेत्रों में लोग गालिया तक दे रहे है। लोगो का कहना है कि ऐसा ही हाल रहा तो आने वाले दिनों में रोड पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। जिले के खीरों कस्बे में बिजली सप्लाई का हाल बेहद खराब है। घंटे 2 घंटे मिलने वाली बिजली में लो बोल्टेज के चलते लोग आक्रोशित दिखाई दे रहे है।  (एसके0 सोनी) सूत्रों की माने तो जनता का गुस्सा कभी उबाल मार सकता है क्यों की 23 प्राइवेट लाइन मैन होने के बावजूद भी लोगो की समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है बिना सुविधा शुल्क के कोई लाइन मैन हिलता नहीं है इधर जेई साहब रिपोर्ट तैयार करने में जुटे है कि कौन कितनी बिजली जलाता है जब बिजली ही नहीं मिली तो कितनी बिजली और काहे का बिल। तारो की दशा नाजुक है ज्यादा बिजली दे नहीं सकते, दिया तो हफ़्तों के लिए फाल्ट ढूढते लग जाता है। दबी जुबान जेई का कहना है व्यवस्था ऊपर से खराब है हम ही क्या करें। लोड ज्यादा है किसान ट्यूबेल चला रहा है, जब बिजली ही नहीं तो ट्यूबवेल क्या चलेंगे, यह किसान कह रहा है। लोगो के अनुसार जिस तरह से सरकार बनी है अगर ऐसी ही शासन, प्रशासन, पुलिस के साथ अन्य समस्याये रही तो निश्चित की सरकार को इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा।

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