शबाब ख़ान
वाराणसी : सावन का महीना जारी है, कॉवरियों का काशी आना जाना लगा है, बाबा विश्वनाथ पर विभिन्न नदियों से लाया गया जल चढ़ानें के लिए कॉवरियें काशी विश्वनाथ मंदिर तक दर्शन के लिए पहुँचनें से पहले कई कठनाईयों से गुज़रते हैं। जिसमें से एक करीब दो किमी लंबी श्रद्धालुओं की कतार है जिसे हर वर्ष वाराणसी जिला प्रशासन बल्लियों से बनाता है जिसमें श्रद्धालु 7-10 घण्टों तक खड़े रहनें के बाद कई स्तर की सुरक्षा जांच के बाद मंदिर के अंदर पहुँचते हैं। पूरे श्रावण मास प्रशासन अपनी पूरी क्षमता से लगा रहता है और सफलतापूर्वक हर वर्ष दर्शन-पूजन होता है। लेकिन इस बार कहानी अलग है। काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुँचनें के कई मार्ग हैं जिससे कॉवरियें मंदिर तक जाते है, उन सभी मार्गों में सबसे प्रमुख मार्ग गिरजाघर-गोदौलिया मार्ग है।
इसी प्रमुख मार्ग की सड़क इस श्रावण पिछले छह दिनों में तीन बार धंस चुकी है, और सड़क धंसनें की यह घटना कोई छोटी-मोटी नही थी। यहां पर बीते मंगलवार को पहली बार दस फीट गहरा और तीस फीट लंबा गड्ढा हो गया था। अगले दिन बुधवार को जब इसे पाटा जा रहा था तो वहां कुछ मीटर के फासले पर फिर सड़क धंस गई थी। इसके बाद गोदौलिया से गिरजाघर के बीच जगह-जगह जेसीबी से सड़क को दबाकर देखा गया और नए सिरे से मरम्मत कराई गई।
इतना सब करनें के बाद भी रविवार की तड़के हुई ढाई घण्टों को भीषण बारिश में यह सड़क फिर से धंस गई। जानकारी मिलते ही प्रशासन के हाथ पॉव फूलने लगे क्योकि अगले दिन यानि कल सोमवार को भोलेबाबा के दरबार मे हाजिरी लगानें तकरीबन 2 लाख कॉवरियों और श्रद्धालुओं के आने का अनुमान हैं। यदि कॉवरियों के लिए यह बिमार-सड़क बंद रही तो प्रशासन को भीड़ को काबू करने के लिए नाको चने चबाने पड़ सकते हैं।
ज्ञात हो कि रविवार सुबह उसी दायरे में सड़क धंसी है, जहां दो दिन पहले गड्ढा पाटकर सड़क बनाई गई थी। सावन सोमवार से ठीक पहले सड़क धंसने और आवागमन बाधित होने से नाराज महापौर रामगोपाल मोहले मौके पर पहुंचे। उन्होंने सड़क मरम्मत में लापरवाही पर कार्यदायी संस्थाओं को जमकर फटकार लगाई। वहीं, पीडब्ल्यूडी ने बार-बार सड़क धंसने के लिए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को जिम्मेदार ठहराया है। महापौर ने जल निगम और नगर निगम के अभियंताआें को हिदायत दी है कि सड़क की मरम्मत के साथ निगरानी सुनिश्चित कराई जाए। महापौर ने दशाश्मेध क्षेत्र में विश्वनाथ गली, त्रिपुरा भैरवी, राजेंद्र प्रसाद घाट का भी जायजा लिया।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता वीके श्रीवास्तव ने बताया कि गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई गडढे को ठीक से पाट नहीं रही है। इससे पीडब्ल्यूडी का भी नुकसान हो रहा है। दो बार सड़क बनाई गई। एक-एक ट्रक गिट्टी अंदर चली गई। अब गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई से कांपैक्टिंग का प्रमाण पत्र लेने के बाद ही पीडब्ल्यूडी सड़क बनाएगा।
फिलहाल हालात यह है कि सड़क धंसने से गिरजाघर-गोदौलिया मार्ग पर आवागमन पूरी तरह बंद होने से गंभीर मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। सावन सोमवार के मद्देनजर कांवरियों का रेला शहर में पहुंचना शुरू हो गया है। अधिकतर कांवरिए इसी रास्ते बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने जाते हैं। दशाश्वमेध घाट जाने का भी यही प्रमुख मार्ग है। हालांकि आननफानन में मरम्मत शुरू करा दिया गया है। जल्दी ही सड़क की पिछले दो बार की तरह फिर से मरम्मत भी हो जाएगी, लेकिन इस जल्दबाज़ी में कराई जाने वाली मरम्मत कितनी पुख्ता होगी, आकाश में उमड-घुमड़ रहे बादलों के बरसते है पता चल जाएगा।