मनीष गुप्ता.
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नेता को सबक सिखाने वाली महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर का शनिवार को बुलंदशहर से बहराइच तबादला कर दिया गया है। कुछ दिन पहले गुंडागर्दी कर रहे रहे बीजेपी नेता को जम कर फटकार लगा देने वाली एक महिला पुलिस अधिकारी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चित हुआ था | और सबने इस बहादुर महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर की प्रशंसा भी की थी | पर योगी सरकार को श्रेष्ठा ठाकुर की सख़्ती पसंद नहीं आई।
दरअसल श्रेष्ठा ठाकुर बुलंदशहर में सीओ के पद पर तैनात थीं । पुलिस ने बीजेपी के स्थानीय नेता प्रमोद लोधी का ट्रैफिक रूल तोड़ने पर चालान किया था। चालान काटे जाने से नाराज प्रमोद ने पुलिस से हाथापाई तक की कोशिश की इसके बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने श्रेष्ठा ठाकुर के साथ बदसलूकी की। बीजेपी कार्यकर्ताओं और श्रेष्ठा ठाकुर के बीच बहस की इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
कार्रवाई करते हुए श्रेष्ठा ठाकुर ने बुलंदशहर के इस बीजेपी नेता समेत कुल पांच लोगों को पुलिस कार्यवाई में दखल देने और पुलिस अधिकारी से दुर्व्यहार करने के आरोप में जेल भेजा था। अब लेडी सिंघम श्रेष्ठा के तबादले के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या उन्हें भी चन्द्रकला की ही तरह अपनी ड्यूटी ठीक से करने कि सजा भुगतनी पड़ रही है । गौरतलब है कि यूपी की पिछली सरकार में भी एक निडर पुलिस अधिकारी बी चंद्रकला को अपनी इमानदारी कि कीमत चुकानी पड़ी थी ।