शिखा की कलम से…….
फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की समीक्षा समिति से फिल्म ‘इंदु सरकार’ को मंजूरी दिए जाने के ठीक बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। बता दें कि मुंबई उच्च न्यायालय ने संजय गांधी की जैविक बेटी होने का दावा करने वाली एक महिला की वह याचिका खारिज कर दी जिसमें मधुर भंडारकर की आगामी फिल्म ‘इंदू सरकार’ पर रोक लगाने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति अनूप मोहता और न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने कहा कि, याचिकाकर्ता प्रिया पॉल का अदालत के हस्तक्षेप और सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाणपत्र दिये जाने के बाद फिल्म की रिलीज पर रोक लायक कोई मामला नहीं हैं। न्यायमूर्ति मोहता ने कहा कि फिल्म निर्माता ने एक डिस्क्लेमर दिया है जो फिल्म से पहले दिखाया जाएगा जिसमें लिखा होगा कि फिल्म के सभी किरदार और घटनाएं काल्पनिक हैं और इनकी किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई समानता नहीं है।
सेंसर बोर्ड भी पहले फिल्म निर्माता से कुछ दृश्य हटाने के लिए कहने के बाद इस फिल्म को प्रमाणपत्र दे चुका है। अदालत ने कहा कि संजय गांधी के किसी स्वीकार्य वंशज ने इस फिल्म पर आपत्ति नहीं जताई है। न्यायमूर्ति ने कहा कि इस पर कोई विवाद नहीं है कि संजय गांधी के वंशज ने फिल्म का विरोध नहीं किया।
सवालों के घेरे में है रिश्ता….
अदालत ने कहा था कि फिल्म के निर्माता ने इस बात का डिस्क्लेमर दे दिया है कि फिल्म की कथावस्तु और किरदार का किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है और फिल्म की कहानी काल्पनिक है। अदालत ने ये भी कहा कि याचिकाकर्ता ने फिल्म में संजय गांधी के चित्रण को लेकर आपत्ति उठाई है, लेकिन उनका संजय गांधी के साथ रिश्ता ही सवालों के घेरे में हैं।
फिल्म की पृष्ठभूमि 1975-77 के आपातकाल के समय की है। इसमें नील नितिन मुकेश, कीर्ति और कुल्हारी तोता राय चौधरी प्रमुख भूमिकाओं में है। इसमें सुप्रिया विनोद, अनुपम खेर भी हैं। फिल्म में किरदार दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और संजय गांधी से प्रेरित हैं।