करिश्मा अग्रवाल
बसपा सुप्रीमो मायावती का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है,लेकिन राज्यसभा चाहती थी की वह वापसी करें।मायावती ने आज राज्यसभा सभापति हामिद अंसारी को अपने इस्तीफे की दूसरी प्रति सौपी,और इसके बाद इस्तीफा मंजूर कर लिया गया।
राज्यसभा में उपेक्षा का लगाया था आरोप :
बता दें कि, मायावती ने मंगलवार को उनकी उपेक्षा का आरोप लगा कर राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।मायावती ने आरोप लगाया था कि राज्यसभा में उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है।सभापति को भेजी तीन पेज की चिट्ठी में मायावती ने राज्यसभा में अपने साथ हुए पूरे व्यवहार का जिक्र करते हुए आरोप लगाया था कि वो सहारनपुर दलित हिंसा पर अपनी बात रखना चाहती थी, लकिन उन्हें बोलने से रोक दिया गया.
लेकिन इस्तीफा देने के नियमों की कर दी नाफरमानी :
संसद की सदस्यता से इस्तीफा देने के नियमों को भी हैं मायावती ने अनदेखा कर दिया क्योंकि नियम मुताबिक संसद के दोनों सदनों का कोई भी सदस्य यदि अपनी सदस्यता से इस्तीफा देता है तो महज एक लाइन में लिखकर संबंद्ध चेयरमैन या स्पीकर को दे देता है जबकि इसके उलट मायावती ने राज्यसभा चेयरमैन के ऑफिस जाकर तीन पन्नों लंबा इस्तीफा सौंपा ।साथ ही नियम मुताबिक इस्तीफे के साथ न ही कोई कारण बताया जाता है और न ही उस पर कोई सफाई दी जाती है.यानी कोई भी संसद सदस्य इस्तीफा देते वक्त इस्तीफा देने का कारण त्यागपत्र में नहीं लिख सकता पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कारण ही नहीं बल्कि उसका पूरा विवरण भी त्यागपत्र में लिखा।