महाराजगंज – देखे बड़ा खुलासा कि कैसे है देश की सुरक्षा ताख पर और सो रहा है प्रशासन.

नेपाली नागरिक अजगैबी का भारत में बना आधार कार्ड
महाराजगंज.
वैसे तो फर्जीवाडा करने वालो की दुनिया में कोई कमी नहीं है. अपने चंद पैसो के खातिर लोग एक से एक गलत कामो को अंजाम दे जाते है. मगर अगर यही काम देश की सुरक्षा पर खतरा बन जाये तो अंजाम गंभीर भी हो सकता है. सरकार ने आधार कार्ड की अनिवार्यता को बढ़ाना शुरू कर दिया है. इसका मुख्य उद्देश्य था कि गैर भारतीय जो घुसपैठियों के तौर पर देश के अन्दर घुस कर बैठे है उनको चिन्हित करना. मगर आधार कार्ड हेतु उत्तरदाई संस्थाओ ने इसका खूब फायदा उठाया और केवल चंद सिक्को की खनक की खातिर विदेशियों का भी आधार कार्ड बना कर उनको देश का नागरिक बना दिया है. ऐसा ही एक मामला हमारी तफ्तीश में सामने आया जहा एक नेपाली नागरिक का आधार कार्ड CSC द्वारा बनाया गया भारतीय नागरिक के तौर पर और उस नेपाली नागरिक ने भारत में उसी आधार कार्ड के बल पर एक भूखण्ड भी खरीद लिया है. मामला उत्तर प्रदेश के नेपाल सीमा से सटे महाराजगंज का है.

नेपाली नागरिक अजगैबी का नेपाल का चुनाव पहचान पत्र
क्या है पूरा मामला.
नेपाल सीमा से सटे महाराजगंज में अक्सर नेपाली नागरिको का आवागमन बना रहता है. मगर अभी तक यह आवागमन केवल बतौर पर्यटक अथवा व्यापर के दृष्टि से रहता है. हमारी टीम को एक ऐसा मामला देखने में मिला जहा एक नेपाली नागरिक ने भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड महाराजगंज के एक फर्जी पते पर बनवा लिया और फिर उस आधार कार्ड के अनुसार अपने को भारत का नागरिक साबित करते हुवे महाराजगंज में एक ज़मीन भी खरीद ली और अब आलिशान मकान बनवाने की तयारी में लगा है.
नेपाल की वोटर लिस्ट जिसमे अजगैबी का नाम है लाल घेरे में
कौन है वह और कैसे संभव हुआ या सब
नेपाल का नागरिक अजगैबी नाथ तेली पुत्र राधेश्याम तेली पुश्तैनी नेपाली नागरिक है, नेपाल सरकार के द्वारा जारी चुनाव पहचान पत्र क्रमांक 1/1255 के अनुसार वह नेपाल के जिला नवल परासी के वार्ड नंबर 5, रामग्राम नंबर 2 का रहने वाला है उसके माता का नाम ज्ञायन्ति देवी और उसकी पत्नी का नाम रीता कुमारी तेली है. वोटर लिस्ट में क्रम संख्या 6 पर मतदाता संख्या 4732167 पर उसका नाम दर्ज है. यह पूरा परिवार नेपाली नागरिक है. कहा जाता है कि अजगैबी नाथ तेली नेपाल ने अपना व्यापार करता है और नेपाल में उसके इलाके में उसका काफी वर्चस्व है. अज्गैबी नाथ तेली ने अपना वर्चस्व बढाने के लिए नेपाल की सीमा पार कर भारत में अपना पाँव जमाना चाहा. इसी पाँव ज़माने में उसने एक ज़मीन को पसंद किया और उसको खरीदने का प्रयास किया मगर इसके लिए उसको भारतीय नागरिक होना आवश्यक था, तब उसने षड़यंत्र के तहत भारतीय नागरिकता हेतु भारत सरकार द्वारा निर्गत एक आधार कार्ड झूठे दस्तावेजों के माध्यम से बनवाया.
महाराजगंज के ठुठिबारी ग्रामसभा के तिलपुर में नेपाली
नागरिक अजगैबी द्वारा खरीदी गई भूमी का लेखपत्र
भारत सरकार द्वारा निर्गत आधार कार्ड संख्या 4089-6059-2451 के आधार पर अब अजगैबी नाथ तेली का नाम केवल अजगैबी पुत्र राधेश्याम निवासी वार्ड नंबर – 22 बिस्मिलनगर, महाराजगंज हो गया और बन गया नेपाली नागरिक अजगैबी नाथ तेली अब भारत का नागरिक अजगैबी. और यहाँ से शुरू हुआ खेल. अब इस आधार कार्ड के माध्यम से उसने क्षेत्र में एक बड़ी ज़मीन को खरीद लिया. सूत्रों की माने तो ज़मीन को कुल 80 लाख भारतीय रुपया देकर अजगैबी ने खरीदा और इसकी रजिष्ट्री केवल 15 लाख रुपयों में रजिष्ट्रार के आँखों में कागजों की धुल झोक कर करवा लिया.
अवैध तरीके से नोट बदलने की सुगबुगाहट का आरोप है अजगैबी पर
नेपाली नागरिक इस ज़मीन के क्रय करने के लिए
बना भारतीय नागरिक
जैसा हमको क्षेत्रिय नागरिको से ज्ञात हुवा कि अजगैबी नेपाल में अपना वर्चस्व रखता है. उसकी अच्छी वह के प्रशासन में भी हनक है. चर्चाओ और सूत्रों के अनुसार अजगैबी ने ज़मीन खरीदने के यह पैसे भी भारत से अवैध तरीके से कमाये है. भारत में नोट बंदी के बाद 31 दिसंबर को भारतीय 1000 और 500 की करेंसी का कोई मूल्य नहीं बचा था. इस बीच नेपाल में आज भी इस करेंसी को कुछ लोग बैंको से सेटिंग के माध्यम से बदल रहे है. क्षेत्रिय नागरिको द्वारा चाय पान की दूकान पर चर्चाओ के अनुसार अजगैबी ने उन पुराने नोटो को 12% के मूल्य पर ले लिया और नेपाल में बैंक में अपनी सेटिंग के द्वारा उसको सममूल्य पर बदल लिया.
देश की सुरक्षा को खतरे से खिलवाड़
किसी अन्य देशं के नागरिक का इस देश में ऐसे आधार कार्ड बनवा कर भारतीय नागरिकता प्राप्त कर लेना देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है. अगर महाराजगंज के वार्ड नंबर 22 बिस्मिलनगर की वोटर लिस्ट उठा कर देखा जाय तो उसमे अजगैबी का अपना वोट अभी नहीं है. आने वाले निकाय चुनाव में वह इसी आधार कार्ड के बल पर आसानी से अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकता है और फिर इन दस्तावेजों के आधार पर खुद का एक वाहन लाइसेंस बनवाना बहुत आसान काम होगा क्योकि आरटीओ को केवल नागरिकता हेतु एक आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ चाहिए होता है. इसके लिए उसके पास एक नहीं दो आईडी प्रूफ और एड्रेस प्रूफ हो जायेगा. जिसके बल पर वह भारत सरकार का वाहन लाइसेंस आसानी से ले लेगा और उन सभी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाता और पासपोर्ट भी बनवा लेगा.
तो देखा साहेब एक किसी आधार बनाने वाले ने सिर्फ चंद सिक्को के लिये देश की सुरक्षा को कैसे ताख पर रख दिया और अपनी जेब गर्म कर लिया. इसके लिए कानून तो बहुत से है अब देखने वाली बात यह है कि ऐसे कितने अजगैबी नाथ तेली देश में इसी तरह से आधार बनवाकर भारत के नागरिक बने घूम रहे है.
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