सुप्रीम कोर्ट द्वारा शिक्षा मित्रों का समायोजन रद्द किए जाने के बाद आंदोलित शिक्षक सैकड़ों की संख्या में गोरखनाथ मंदिर द्वार पर अड़े हुए हैं। सभी की एक ही मांग है कि जब तक मुख्यमंत्री स्वयं उनकी बात नहीं सुनेंगे वे मुख्यद्वार से नहीं हटेंगे।,
जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान नार्मल से सुबह मंदिर की ओर रवाना होते आंदोलित शिक्षा मित्रों को रोकने की प्रशासन ने काफी कोशिश की लेकिन अलग अलग टूकड़ें में 500 की संख्या में शिक्षा मित्र गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए। गोलघर, गोरखनाथ मंदिर ओवरब्रिज समेत कई स्थानों पर रोकने की कोशिशे हुई लेकिन महिलाओं की संख्या के कारण पुलिस उन्हें रोकने में सफल नहीं हो सकी। ,
बड़े नेता बीएसए दफ्तर में बिठाए गए
हालांकि आंदोलन के बड़े नेता जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान डायट परिसर में ही रोक लिए गए हैं। प्रशासन उन पर मंदिर से आंदोलनकारियों को वापस डायट बुलाने का दबाव बना रहा है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष अजय सिंह, महामंत्री मनोज यादव, महासचिव राम दयाल यादव, संगठन मंत्री सुशील कुमार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रागिनी सिंह, उपाध्यक्ष अफजाल समानी एवं अविनाश कुमार, संयुक्त मंत्री रामनिवास निषाद को प्रशासन ने बिठा रखा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश प्राथमिक आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर संघ के अध्यक्ष गजाधर दूबे भी इनमें शामिल हैं।
महिलाओं की मौजूदगी से पुलिस के हाथ पांव फूले
गोरखनाथ मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर बड़ी संख्या में महिला शिक्षा मित्रों की उपस्थिति पुलिस को जोर जबरदस्ती भी नहीं करने दे रही है। पुलिस के आला अधिकारी जिले के विभिन्न थानों और पुलिस लाइन से महिला पुलिसकर्मियों को एकत्र कर रहे हैं। इसके साथ ही आंदोलनकारियों को समझाने बुझाने की कोशिशे जारी हैं।
कई शिक्षा मित्रों की तबीयत बिगड़ी
गोरखनाथ मंदिर के मुख्य द्वार और गोरखनाथ पुल पर धरना दे रही महिला शिक्षकों की में कई की तबीयत बिगड़ गई। आंदोलन में शामिल साथी शिक्षा मित्रों ने उन्हें संभाला तो कुछ को उपचार के लिए पुलिस अपनी गाड़ी में डाल अस्पताल ले गई।