समीर मिश्रा के साथ मनीष गुप्ता
कानपुर थाना रेल बाजार के मीरपुर चौराहे पर फिर बड़ा हादसा होने से बचा फिर वही हाईटेंशन तार में स्पार्किंग हुई जिसमें 29 .7 .2017 को एक बेजुबान गाय ने अपनी जान दे दी क्या आम जनता यूं ही डर डर कर जीती रहेगी उसी के पीछे तकरीबन 150 घर हैं इसमें की छोटे बच्चे खेलने उसी जगह पर आते हैं केसा शायद किसी बडे हादसे का इंतज़ार कर रहा है. शनिवार के हादसे के बाद भी पटरी में नहीं आई है व्यवस्था. तार में फालट के चलते ही हैरिस गंज सर्विस स्टेशन से मीरपुर को जाने वाली लाइन सप्लाई बन्द की गई थी.
पेट की आग
हाईटेंशन की लाइन में बिना दस्ताने पहने बिना रबर के जूते पहने लाइनमैन चढ़ा दिया गया उसको ना अपने मरने का दुख है ना ही जीने की खुशी वह तो अपने बीवी बच्चों के पेट भरने के लिए यह जोखिम भरा काम करता है तकरीबन 8:00 बजे अंधेरे में बिना टार्ज के लाइन में चालु करना कौन सी अकलमंदी है या फिर बहादुरी है. हाई टेंशन में वापसी करन्ट होता है जिसकी क्षमता इतनी ही होती है कि आदमी के होश उड़ा दे. अब शायद केसा हैरीसगंज की लापरवाही को आप समझ सकते है. मगर शायद उस लाइन मैंन की मज़बूरी कोई नहीं समझ रहा होगा. एक पेट की आग और दुसरे बाल बच्चो की परवरिश की फिक्र इसको अपने ज़िन्दगी से खेलने को मजबूर कर रही है.