(चन्द्रप्रताप सिंह बिसेन /अन्जनी राय )
इसके पूर्व मंगलवार को कई दिनों तक जलस्तर में वृद्धि के बाद 63.470 पर स्थिरता आ गई ।उसके बाद 30 सेंटीमीटर तक जल वृद्धि के पश्चात नदी स्थिर हो गई ,जो बुधवार को शाम तक जारी रहा ।लाल निशान से करीब आधा मीटर नीचे बह रही घाघरा ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है ।बाढ़ का पानी गांव की ओर बढ़ने लगा है ।इसके साथ ही कई गांव के लोग कटान की समस्या से जूझ रहे हैं ।आमतौर पर जल स्तर में वृद्धि के साथ कटान का खतरा कम होता है लेकिन चैनपुर, गुलौरा, मठिया, सहिया, छपिया आदि स्थानों पर कटान हो रही है। कटान रोकने के लिए अभी तक निरोधात्मक कार्रवाई नहीं किए जाने से तटीय वाशिंदों में रोष व्याप्त है। हाहा नाला से लेकर खैरा घाट तक पानी फैल गया है। आबादी की ओर पानी बढ़ने लगा है। गुलौरा- मठियां के शिव मंदिर के निकट स्थित पेड़ कटान की भेंट चढ़ गया । तुर्तीपार का माली बस्ती समेत अन्य कुछ ग्राम पानी से गिर गए हैं। अनवरत हो रही बरसा के साथ घाघरा के जल स्तर में वृद्धि से बाढ़ की संभावना प्रबल है।
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