वहाबुद्दीन सिद्दीकी / ए एस खान
लखनऊ- यूपी के सी एम श्री आदित्य नाथ योगी जी ने ट्रैफिक में सुधार करने का जो तारीक़ा अपनाया है कि
हेलमेट न लगाने पर” सीट बेल्ट न बांधने पर” गाड़ी चलाते समय फ़ोन पर बात करने पर” चालान । वाहनों पर हूटर, प्रेशर हार्न, काली फ़िल्म लगाने पर, निर्धारित गति सीमा से तेज़, और शराब पी कर गाड़ी चलाने पर, चलान किया जायेगा।
C.M. साहब का ये क़दम है तो अच्छा। पर क्या सिर्फ सारी कार्यवाई जनता के ही ख़िलाफ़ करने से ट्रैफिक में सुधार हो जायेगा ? जनता को जो परेशानी होती है उसके लिए कोई कार्यवाई नहीं – जैसे टैक्सी टेम्पो वाले परमिट लिए हैं 6 सवारी का और बैठाते हैं 10 सवारी, उससे महिलाओ को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है बुज़ुर्गो को भी इससे परेशानी होती है उस पर कोई कार्यवाई नहीं ? टैक्सी टेम्पो वाले चौराहो पर खुलेआम जाम लगा कर खड़े रहते हैं जिससे जनता आजिज़ हो चुकी है न जाने कितने मरीज़ जाम के चलते रास्ते में ही दम तोड़ देते है ।
आखिर क्या वजह है जो ये टैक्सी और इ-रिक्शा वाले अपने आप को क़ानून के ऊपर समझते हैं। सूत्रो की माने तो पुलिस को बाक़ायदा हर महीने एक बंधीं हुई रक़म इनकी ओर से जाती है जो की भरष्टाचार का एक हिस्सा है उस पर कोई कार्रवाई नहीं? इ-रिक्शा वाले कुकुरमुत्ते की तरह उग आये हैं चौराहो और गलियों के अंदर तक जाम लगा लगा कर जनता का खून पी रहे हैं इ-रिक्शा के परमिट बे लिमिट जारी हो रहे हैं परमिट जारी करने में इस बात का ज़रा भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है की बेहिसाब इ-रिक्शा के परमिट ज़ारी करने से सड़को पर दम तोड़ता ट्रैफिक किस हाल में पहुँच जाएगा सड़को पर आज भी गड्ढे खुदे पड़े हैं जिससे की ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन हो जाती है तथा दुर्घटनाएं होती रहती हैं। उन्नाव जिले के टेम्पो टैक्सी वाले डीज़ल टेम्पो का काला दम घोटू धुँवा पूरे लखनऊ शहर में फैला फैला कर शहर को बिमारी मुफ़्त बाँट रहे हैं, उस पर कोई करवाई नहीं। उन अधिकारियो पर भी करवाई होना चाहिए जो इन सब चीज़ों के ज़िम्मेदार हैं. प्रदेश की जनता के हित की भी बात कीजिये सी एम साहब प्रदेश की जनता आप की ओर बहुत आशा भरी नज़रो से देख रही है