अंजनी राय
बलिया। सरकार कोई हो, चलेगी हमारी ही। यह कोई फिल्मी डायलाग नहीं, बल्कि बलिया प्रशासन का सच है। कम से कम दूबेछपरा में हो रहे कटानरोधी कार्य में तो ऐसा दिख ही रहा है। बाढ़ विभाग व ठेकेदार इसी इंतजार में है कि बाढ़ जल्दी आये, ताकि फ्लड फाइटिंग का काम शुरू हो सकें। बाढ़ विभाग पर विधायक सुरेन्द्र सिंह व जिलाधिकारी का दिशा-निर्देश भी बेअसर साबित होता दिख रहा है। यदि ऐसा नहीं होता तो निर्धारित समयावधि में कटानरोधी कार्य को मूर्त रूप मिल गया होता। लेकिन नहीं, यहां तो लूट की आदत सी बनी है, जिसका मोह विभाग व ठेकेदारों से नहीं छूट रहा। इस बीच, गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि भी शुरू हो चुकी है। प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से बढ़ रही गंगा का जलस्तर शुक्रवार की शाम छह बजे 50.340 मीटर रिकार्ड किया गया।
बता दें कि गंगा नदी की लहरे हर साल उत्पात मचाती है, जिसे रोकने के नाम पर सरकार भारी भरकम धन मुहैया कराती रही है। लेकिन आज तक कटानरोधी कार्य का लाभ बाढ़ क्षेत्र के लोगों को नहीं मिला। एक-एक कर दो दर्जन से अधिक गांवों की जलसमाधि हो चुकी है, जिसका क्रम अभी भी जारी है। इस साल दूबेछपरा में सर्वाधिक खतरा को देखते हुए विधायक सुरेन्द्र सिंह काफी तत्पर रहे, ताकि समय से कटानरोधी कार्य हो सकें। सरकार ने 29 करोड़ रिलीज भी कर दिया। काम की समयसीमा 30 जून निर्धारित की गयी, लेकिन काम की जिम्मेदारी उन्हें ही मिली जो दशकों से करते आ रहे है। सूत्रों की माने तो विभाग व ठेकेदारों को सबसे मजा फ्लड फाइटिंग के काम में आता है, क्योंकि एक बोरी को 100 दिखाने में भी विशेष दिक्कत नहीं होती। शायद यही कारण रहा कि 30 जून को कौन कहें सात जुलाई तक 50 फीसदी भी वर्क नहीं हो सका है। इसी बीच, गंगा नदी में जलवृद्धि किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। फिर देखिये होता है क्या?