परिजनों का कहना है कि वह चंडीगढ़ में पान की गुमटी चलाता है। दस दिन पहले वह चंडीगढ़ से वापस गांव आया है। घर में उसे किसी तरह की दिक्कत परेशानी नहीं है। इससे अचानक फांसी लगाने की वजह अभी उन्हें पता नहीं चल सकी है। एक बार पहले भी उसने इसी तरह खुदकशी करने का प्रयास किया था। जानकारी होने से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे उसकी जान बच गई थी, उसने दोबारा फांसी लगाई है।
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