अग्रसेन विश्वकर्मा.
देवरिया 14 अगस्त। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया और अस्पताल में बने इंसेफेलाइटिस वार्ड में भी जाकर मरीजों का हाल चाल लिया। लेकिन सबसे खास बात यह रही कि जिला अस्पताल प्रशासन ने दवाओं के मद में बाकी करीब 50 लाख रुपए के संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी कैबिनेट मंत्री को नहीं दिया।
इस तरह से जिस प्रकार गोरखपुर में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान बीआरडी मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदारों ने ऑक्सीजन गैस के संबंध में बकाया की रकम के बारे में कोई जिक्र नहीं किया । ठीक उसी प्रकार से देवरिया में कैबिनेट मिनिस्टर श्री साही को जिला अस्पताल ने बकाया की रकम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। परिणाम स्वरुप मंत्री जी को जिला अस्पताल ठीक ठाक मिला और वह अस्पताल प्रशासन को शाबाशी देते हुए चले गये।
इस संबंध में जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के सी राय ने बताया कि दवाओं के मद में करीब 50 लाख की रकम के बारे में जिलाधिकारी को बता दिया गया है। लेकिन जब जिला अधिकारी सुजीत कुमार से पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया की केवल लोकल पर्चेज दवा की सप्लाई करने वाले दुकानदार लक्ष्मी फार्मा मोहन रोड देवरिया का ही पैसा बाकी है । अन्य कोई रकम नहीं बाकी है । उन्होंने यह भी कहा की लोकल पर्चेज दवा विक्रेता को बकाया रकम दिए जाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है ।
लोकल पर्चेज के मध्य में करीब 11 लाख रुपया अवशेष चल रहा है
इस प्रकार से या स्पष्ट होता है कि अस्पताल प्रशासन चाहे वह गोरखपुर का हो या देवरिया का किसी भी छोटे या बड़े जनप्रतिनिधि को सच्चाई बताने से डरता है। परिणाम यह होता है की अस्पताल में भर्ती मरीजों को समय से चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं और वे असमय ही काल के गाल में समा जाते हैं।