सुदेश कुमार
बहराइच. नानपारा रोड झिंगहा घाट पुल से पहला एक किलोमीटर चलना ऐसा है जैसे आप मौत के कुआ में गाडी चला रहे है. यानी जान का खतरा. रास्ता किसी बड़े हादसे हो दावत दे रहा है मगर ज़िम्मेदार लोगो के कान पर जू तक नहीं रेंगती है. रास्ते के दोनों तरफ गहरे गड्ढो में पानी भरने से लगा रहता है घंटो जाम. सड़क के किनारे पटरी की जगह खतरनाक गड्ढों ने मौत का मुह खोल रखा है बस जाने की देर है.
बहराइच शहर से नेपाल रोड इस मार्ग को बहराइच शहर मुख्यालय से जोडने वाले झिंगहा घाट पुल से करीब एक किलोमीटर मार्ग बगैर निर्माण किये छोड़ दिया गया है। शायद ठेकेदार साहब को यह सड़क बनाना ही नहीं था या फिर शायद ठेकेदार साहब इसको अपना प्रोफिट बना कर निकल लिए है और यह सड़क मौत के कुआ सरीखी हो चुकी है.
बताते हैं कि आने वाले समय में यहाँ बाई पास बनेगा. अब सवाल यह है कि बाई पास तो जब बनेगा, तब बनेगा भी तो यहाँ हालात बद से बदतर होते जा रहे है बीते कुछ सालों में तो इस एक किलोमीटर मार्ग के किनारे की पटरी तक पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और अब यहाँ पटरी के स्थान पर बड़े बड़े खतरनाक गड्ढे हैं। इस मार्ग पर कोई बडी दुर्घटना न होने पाये इस हेतु अतिशीघ्र झिंगहा घाट पुल से नानपारा की ओर करीब एक कि.मी. सड़क के किनारे चौड़ी इन्टरलाकिंग पटरी बनवाए जाने की आवश्यकता है।