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शिखा की कलम से……….Review:::::: टॉयलेट:एक प्रेम कथा

रेटिंग::::2.5/5
स्टारिंग::::अक्षय कुमार, भूमि पेडणेकर, अनुपम खेर।
डायरेक्टर:::: श्री नारायण सिंह
प्रोड्यूसर:::: अरुणा भाटिया, शीतल भाटिया
म्यूजिक:::: विकी प्रसाद, मानस-शिखर
जॉनर:::: ड्रामा(सोशल)
सलमान फिर शाहरुख़ और अब समय आया अक्षय का। जी हाँ, अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर स्टारर फिल्म ‘टॉयलेट: एक प्रेमकथा’ सिनेमा हॉल में रिलीज हो गई है। अक्षय की ये फिल्म ट्रेलर के बाद से ही चर्चा में रही है। लेकिन रिलीज़ के बाद का नजारा  आइए जानते हैं:

सबसे पहले बात करते हैं कहानी की:
यह कहानी गांव में रहने वाले केशव  और जया की है। कहानी की शुरुआत अक्षय से होती है जो मांगलिक होता है। इसी वजह से उसकी शादी पहले भैंस से कराई जाती है यहीं उसकी मुलाकात जया से होती है। पहली की नजर में केशव को जया के प्यार हो जाता है और दोनों की लव स्टोरी आगे बढ़ती है। शादी के बाद जब जया, केशव के घर आती है तो उसे पता चलता है कि उसके घर में टॉयलेट नहीं है। ऐसे में ये बात उसे बहुत परेशान करती है। टॉयलेट न होने की वजह से केशव अपनी पत्नी को कभी दूसरों के घर तो कभी ट्रेन में लेकर जाता है। एक दिन तंग आकर जया टॉयलेट की वजह से घर छोड़ देती है और कहती है तभी वापस आएगी जब घर में टॉयलेट होगी। अब केशव के घर में टॉयलेट बनेगा या नहीं? क्या जया वापस आएगी? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
फ़िल्म का पहला भाग काफी मनोरंजन से भरपूर है पहले भाग में अक्षय आपको काफी खुश करते नजर आएंगे।उनकी मांगलिक वाली शादी और हीरोइन को खुश करने वाले कारनामे आपको पसंद आ सकते है। पर वंही कहानी जब अपने दूसरे भाग में पहुँचती है तो शायद आप थोड़े बोर हो सकते हैं।कुल मिला के फ़िल्म का दूसरा भाग पहले भाग का भी मजा किरकिरा करने वाला साबित हो रहा है। कहानी में कुछ ऐसी बाते भी हैं जो बार बार दोहराई जा रही है जिस के कारन आपको उकताहट महसूस हो सकती है। और अक्षय पूरी फ़िल्म में मोदी के स्वक्षता अभियान का प्रचार करते नजर आएंगे।
बात अगर डायरेक्शन की कि जाये तो:
फिल्म का डायरेक्शन अच्छा है। जैसा कि कहानी गांव की है ऐसे में सभी सीन्स रियल लोकेशन पर पिक्चराइज्ड किए गए हैं। स्क्रीनप्ले की खासियत यह है कि वो एक खास मुद्दे की तरफ भी आपका ध्यान आकर्षित करता है। देखा जाए तो डायरेक्शन, स्क्रीनप्ले, कैमरा वर्क  अच्छा है।
फिल्म में अक्षय की एक्टिंग हमेशा  की तरह ही अच्छी  है। वहीं भूमि ने भी उनका बखूबी साथ दिया है। कहानी दोनों के इर्द-गिर्द है ऐसे में पूरा फोकस इन पर रहता है। बाकी स्टार्स का काम अच्छा है। परफॉरमेंस के हिसाब से फिल्म बढ़िया है। फिल्म का म्यूजिक कहानी के साथ-साथ चलता है। स्क्रीनप्ले में गाने अच्छे हैं। बाकी बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है। फ़िल्म के गाने जैसे ‘हंस मत पगली’ , ‘लट्ठमार’ , ‘बखेड़ा’ को खास तौर पर बहुत पसंद किया जा रहा है।
अब सवाल है की देखे या नहीं…… तो अगर आप अक्षय के फैन है और उनकी कॉमिक टाइमिंग के कायल हैं , रियल मुद्दों पर सोशल ड्रामा फिल्म देखना पसंद करते हैं तो आप ये फिल्म देख सकते हैं।
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