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हमारे लिए भारत माता की जय के मायने हैं भारतभूमि की हर संतान की जय – गुलाम नबी आज़ाद

जावेद अंसारी,

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित ‘इंदिरा गांधी शताब्दी समारोह’ भव्य आयोजन में नौ जिलों के कांग्रेसजनों के समागम को सम्बोधित करते हुए अ.भा. कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इन्दिराजी संघर्ष एवं लोककल्याण की प्रगतिशील राजनीति की मिसाल थीं। इंदिराजी जुझारू राजनीति और गांधी नेहरू की भारतदृष्टि की वैचारिक विरासत को छो कांग्रेसी आत्मसात करेगा;वह कभी हिम्मत नहीं हारेगा और वह हिम्मत से खड़ा हो गया तो कांग्रेस के सम्मान और फिर से उत्कर्ष की लड़ाई जीतने से कोई ताकत रोक नहीं सकती।

आजाद ने कहा कि हमारे लिए भारत माता की जय के मायने हैं भारतभूमि की हर संतान की जय, चाहे वह किसी धर्म,जाति,भाषा में विश्वास रखता हो। इंदिरा जी हर भारतवासी के लिए संघर्ष की प्रतीक थीं। गांधी-नेहरू ही नहीं, पटेल और मौलाना आजाद की भी विरासत धर्म-जाति की राजनीति नहीं स्वीकार करती। जिन्ना जैसों का भरोसा था,तो वे ही नहीं, उनकी विरासत भी बर्बादी की विरासत है। इंदिरा जी भारत के हर बाशिन्दे के लिये जीती और लड़ती रहीं और उसी सैद्धांतिक संघर्ष भावना से बलिदान हो गईं. उनमें नेतृत्व की अद्भुत समायोजन शक्ति थी जिसके कारण वह अपनी अग्रज पीढ़ी, हमउम्र पीढ़ी और युवा के नेताओं की सहज थीं।

मुख्य अतिथि जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर व केन्द्र लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रो.पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहाकि इन्दिरा गांधी संघर्ष एवं निर्माण दोनों की प्रतीक थीं।उन्होंने द्विराष्ट्रवाद को खंडित कर बंग्लादेश की निर्माण एवं सन् 1971 की जीत दिलाई,कांग्रेस में प्रगतिशील निति विरोधी खेमे को धूल चटाई,तो वैज्ञानिक संस्थानों की नेहरू की परम्परा को बढ़ाते हुए पहली बार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग बनाकर किसी वैज्ञानिक के अधीन रखने की शुरुआत की,भारत को आणविक शक्ति बनाया,अंतरिक्ष कार्यक्रमों को तेज गति दी,हरित क्रांति को साकार किया।आज धर्मस्थल तोड़ने की राजनीति होती है तो इंदिरा गांधी ने बैंकों और जमीनों की इजारेदारी तोड़ने की राजनीति की।आपातकाल के बाद हमने उनके खिलाफ जेएनयू में प्रदर्शन किया तो उनमें खड़े होकर हमसे संवाद की हिम्मत भी थी।कांग्रेसी उनके संघर्षों की अपनी विरासत का अलख जगा लें;तो कांग्रेस को कोई हरा नहीं सकता।इसके लिए जरूरी है कि कांग्रेस में टिकट पाने के लिए उस नेहरू की भारत की खोज पढ़ना अनिवार्य हो जाय,जिसने आधुनिक भारत ही नहीं,बेटी इंदिरा जैसा जननेता भी गढ़ा।यह आपका दोष है कि ऐसा करने पर टिकट मांगना तो दूर टिकट बांटने वालो का संकट न हो जाय,लेकिन देश को जोड़ने वाले विचारों की अपनी समृद्ध विरासत को आत्मसात करने की शुरुआत तो कहीं से आपको करनी ही होगी।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद राज बब्बर ने कहा कि इन्दिराजी जेएनयू में विरोधी प्रदर्शन में मुड़कर पहुंचने की हिम्मत रखती थीं,लेकिन आज के प्रधानमंत्री गलियों से रास्ता बदल कर निकल गये,लेकिन बीएचयू में प्रदर्शन कर रही काशी की बेटियों के बीच पहुंचने की हिम्मत उनमें नहीं दिखाई। परिणाम आपके सामने है कि बेटी बचाओ का नारा बेटी पिटवाओ में बदल गया। इंदिरा जी की विरासत छद्म राष्ट्र वाद के विपरीत उत्कट देशभक्ति की विरासत है।

सांसद एवं महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहाकि शिक्षा संस्था में महिलाओं का पिटना दुर्भाग्यपूर्ण है।इन्दिरा जी की विरासत का संदेश यह है कि नारी का सशक्तिकरण शिक्षा से होगा,रसोई से नहीं। सांसद पी.एल.पुनिया ने कहाकि इन्दिरा जी का जीवन किसान,मजदूर,गरीब और दलितों के उत्थान की लड़ाई के लिए था। आज दलितो के पास कहीं कुछ भूमि है,तो उसके पीछे इंदिरा जी और उनका भूसुधार है।

सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि वर्तमान विदेश मंत्री के यू.एन. के ताजा भाषण ने कांग्रेस और इन्दिराजी के काल के राष्ट्रनिर्माण के महान कामों पर मुहर लगा दी है।लगता है साठ साल को झूठा ही कोसते रहने वाले प्रधानमंत्री से उनका मनभेद शुरू हो गया है। सांसद संजय सिंह ने कहाकि सन् सतहत्तर के दौर में इंदिराजी की बेमिसाल संघर्षशक्ति को जगा लीजिए,कांग्रेस की जीत पक्की हो जायेगी। समारोह अरुण कुमार सिंह ने भी जहां सम्बोधित किया,वहीं राणा गोस्वामी,दिग्विजय सिंह, भगवती चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया।मंच पर अजय राय,डा.राजेश मिश्र, अनिल श्रीवास्तव,ललितेशपति त्रिपाठी,नदीम जावेद आदि मौजूद थे।आरंभ वंदेमातरम् और अंत में राष्ट्रगान सेवादल के साथ डा.प्रमोद पाण्डेय ने कराया। संचालन जहां प्रो.सतीश राय ने किया,वहीं कार्यक्रम में विलम्ब के चलते आरंभ में उन्होंने इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर व्याख्यान भी किया।युवक कांग्रेस के लोगों ने अथिथियों को स्मृति चिह्न दिये।शहीदों का बलिदान पुस्तिका का लोकार्पण भी हुआ।

समारोह में पूर्वांचल के नौ जिलों पार्टी अध्यक्षों के साथ जहां कांग्रेसजन जुटे थे,वहीं प्रजानाथ शर्मा,सीताराम केसरी,
शैलेंद्र सिंह,अशोक सिंह,डा. संतोष सिंह,भोला पाण्डेय,तरुण पटेल,राजबहादुर,शतीश चौबे, बैजनाथ सिंह विजय प्रकाश चतुर्वेदी आदि सहित अनेक कांग्रेस नेता मौजूद थे।

 

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