अग्रसेन विश्वकर्मा.
देवरिया. इंदिरा आवास घोटाले में पुलिस ने देवरिया के पूर्व सीडीओ, पीडी और एक लिपिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। मामला सात वर्ष पुराना है। वित्तीय वर्ष 2010-2011 में देवरिया में सीडीओ के पद पर विजय प्रताप व एसपी सिंह परियोजना निदेशक के पद पर तैनात थे। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने आवास आवंटन में जमकर अनियमितता की। इसकी शिकायत राघव नगर के एसबीआई रोड निवासी पंकज सिन्हा ने आला अधिकारियों से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद श्री सिन्हा ने सूचना के अधिकार से आवंटियो की सूची प्राप्त की। सूची मिलने के बाद फिर से अधिकारियों से शिकायत किया। कमिश्नर के निर्देश पर इस मामले की तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच की। जांच में पाया गया कि आठ करोड़ की बजट के सापेक्ष अधिकारियों ने करीब 16 करोड़ रुपए का चेक काट दिया। यही नहीं बिना ब्लाकों से सूची मंगाए अपात्रों को आवास आवंटित कर दिए गए। जांच के बाद इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नही हुई। शिकायतकर्ता पंकंज सिन्हा ने सूचना के अधिकार के तहत जांच रिपोर्ट प्राप्त कर कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट के निर्देश पर तत्कालीन सीडीओ विजय प्रताप, पीडी एसपी सिंह और लिपिक उमेश चन्द्र शर्मा के खिलाफ गुरुवार की देर शाम कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी और सरकारी धन का गबन का मुकदमा दर्ज किया है।
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