इलाहाबाद। एसआरएन अस्पताल में एक लावारिस मरीज को भर्ती कराने के लिए गुरूवार की सुबह सौ नम्बर पुलिस कर्मी और 108 नम्बर एम्बूलेंस के कर्मचारी लेकर पहुंचे तो वहां के मौजूद डाक्टरों व कर्मचारियों द्वारा जबरन परेशान किया गया। यह कोई पहले दिन की कहानी नहीं है, ऐसा आये दिन होता रहता है।
मामले की शिकायत जब सीएमओं से की जाती है तो वह कहते है कि मेडिकल कालेज मेरे आधीन नहीं है। वहां मै कुछ नहीं कर सकता हूॅं। वह ऐसे प्रकरण में एसएसआई से कहकर अपना पिण्ड छुड़ा लेते है। लेकिन चिकित्सकों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते यूपी सरकार की सबसे जनप्रिय सेवा में आये दिन अवरोध उत्पन्न होता रहता है।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के डीआरएम आफिस के समीप से गुरूवार की सुबह हण्ड्रेड डायल की पुलिस एवं 108 नम्बर की एम्बोलेंस के कर्मचारी एक लावारिस अधेड़ 45वर्ष को घायलावस्था में कहीं से लेकर स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय पहुंचे। जहां एम्बूलेंस के ईमटी आलोक व चालक लेकर अस्पताल के आकस्मिक कक्ष में लेकर गये। लेकिन उसे भर्ती करने से वहां मौजूद कर्मचारियों ने मना कर दिया। यह सुनते ही कर्मचारी मरीज को लेकर बाहर चलेे गये और लगभग दो घंटे स्टेचर पर मरीज तड़ता रहा । हालांकि मामले की शिकायत जब सीएमओं आलोक वर्मा से की गई तो उन्होंने एसआरएन के एसएसआई से बात किया,जिसके बाद किसी तरह उक्त मरीज को भर्ती किया गया । सबसे अहम बात यह है कि यूपी सरकार जनता को स्वास्थ्य सेवा सेवा देने के लिए करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा रही है लेकिन स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में कार्यरत कुछ डाक्टरों व कर्मचारियों की लापरवाही के चलते लावारिस मरीजो के उपचार में आये दिन लापरवाही करने का मामला आता रहता है।
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