समीर मिश्रा.
बहरैन के सूचना एवं प्रसारण मंत्री ईसा बिन अब्दुर्रहमान हम्मादी ने क़तर के न्यूज़ चैनल अलजज़ीरा की कड़ी आलोचना की है। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार फ़ार्स की खाड़ी के कुछ अरब देशों की ओर से क़तर के न्यूज़ चैनल अलजज़ीरा के विरुद्ध प्रोपेगैंडा जारी है। बहरैन के सूचना एवं प्रसारण मंत्री ईसा अब्दुर्रहमान हम्मादी ने क़तरी न्यूज़ चैनल अलजज़ीरा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि अलजज़ीरा, आतंकवाद के प्रसार में सहायता कर रहा है। बहरैनी मंत्री ने कहा कि अलजज़ीरा क्षेत्र में आतंकवाद के विस्तार और मतभेद फैलाने में व्यस्त है इसीलिए कुछ अरब देशों की ओर से इस प्रतिबंध की मांग सही है।
क़तर संकट अब वाकयुद्ध के चरण में प्रविष्ट हो गया है जहां सऊदी अरब और उसके घटक देश क़तर को निशाना बना रहे हैं वहीं क़तरी अधिकारियों ने भी जवाबी कार्यवाही के लिए कमर कस ली है। इसी परिधि में क़तर सरकार के जनसंपर्क अधिकारी सैफ़ बिन अहमद आले सानी ने ट्वीट किया था कि इन देशों को को जान लेना चाहिए कि क़तर कोई नर्म चारा नहीं है और न ही आसान लक्ष्य है।
ज्ञात रहे कि सऊदी अरब, संयुक्त अरब इमारात, मिस्र और बहरैन ने 5 जून 2017 को क़तर के ख़िलाफ़ लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के लिए 13 शर्तें रखी थीं और इन्हें मानने के लिए 10 दिन का समय दिया था। शर्तो की समयावधि 3 जुलाई को समाप्त हो गयी थी। क़तर ने चार अरब देशों की शर्तों पर अपनी शर्तें रख दी हैं जिसके बाद इन चार अरब देशों ने एक संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि क़तर, संकट का समाधान नहीं चाहता है।
सऊदी अरब की मुख्य शर्तों में ईरान, हिज़्बुल्लाह और मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ संबंधों को तोड़ना, टीवी चैनल नेटवर्क को बंद करना और तुर्की के सैन्य अड्डे को हटाना था। सऊदी अरब,मिस्र, संयुक्त अरब इमारात और बहरैन ने 5 जून को क़तर के साथ अपने कूटनयिक संबंध तोड़ लिए थे।
मो0 कुमेल डेस्क: ज्ञानवापी मस्जिद के मुताल्लिक एक फैसले में पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड के…
तारिक खान डेस्क: मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले में 26 नवंबर को एक दलित युवक…
तारिक आज़मी डेस्क: पहले ज्ञानवापी मस्जिद, फिर मथुरा शाही ईदगाह और इसके बाद संभल के…
संजय ठाकुर आजमगढ़: ऑनलाइन बेटिंग एप के ज़रिये अधिक पैसा कमाने का लालच देकर लोगो…
आदिल अहमद डेस्क: रूस ने पहली बार माना है कि यूक्रेन की ओर से किए…
माही अंसारी डेस्क: भारत के जाने-माने उद्योगपति गौतम अदानी और उनके कुछ सहकर्मियों के ख़िलाफ़…