सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ फैसला करेगी कि क्या अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी भी आपराधिक मामले में सरकार के मंत्री या जनप्रतिनिधि विधान के उलट कुछ भी बयान दे सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की तीन सदस्यीय पीठ ने मामले को संविधान पीठ के पास भेजने की सिफारिश कर दी है. अब मुख्य न्यायाधीश पांच जजों की संविधान पीठ का गठन कर मामले की सुनवाई करेंगे. दरअसल, बुलंदशहर गैंग रेप मामले में आजम खान के विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. हालांकि खान ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांग ली थी. कोर्ट ने माफीनामा मंजूर भी कर लिया था. तब कोर्ट ने कहा भी था कि राइट टू स्पीच के नाम पर क्या आपराधिक मामलों में सरकार के मंत्री या जनप्रतिनिधि पॉलिसी और विधान के विपरीत बयान देना उचित है क्या?
सुनवाई के दौरान न्याय मित्र यानी एमाइकस क्यूरे हरीश साल्वे ने कहा कि मिनिस्टर संविधान के प्रति जिम्मेदार है और वह सरकार की पॉलिसी और विधान के खिलाफ बयान नहीं दे सकता. गौरतलब है कि बुलंदशहर गैंग रेप मामले में यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान ने विवादास्पद बयान दिया था बाद में आजम खान ने अपने बयान के लिए बिना शर्त बयान के लिए पछतावे का इजहार किया था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कई संवैधानिक सवाल उठाए हैं जिसको एग्जामिन किया जा रहा है.
आदिल अहमद डेस्क: दिल्ली हाईकोर्ट ने एयरसेल मैक्सिस मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में…
आफताब फारुकी डेस्क: तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने कहा है कि उन्होंने इसराइल…
तारिक खान डेस्क: इसराइल और हमास के बीच शांति समझौते के लिए मध्यस्थता से पीछे…
माही अंसारी डेस्क: उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनावों में मतदान के दरमियान कानपुर की सीसामऊ…
मो0 कुमेल डेस्क: उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर उपचुनाव भी हो रहा है। वोटिंग…
अनिल कुमार डेस्क: बिहार के सहरसा जिले में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर एक वीडियो…