रामपुर. सपा के क़द्दावर नेता आज़म की यूनिवर्सिटी को इंडियन आर्मी की तरफ से चाबुक के नाम से तोहफे में तोप दी गयी है,जिसके लिए आज़म खान ने इंडियन आर्मी का धन्यबाद किया है…आज़म खान ने कहा कि इंडियन आर्मी कोई संगठन नही है,, आर्मी का स्तर राजनेतिक दलों से बहुत ऊँचा है…..उन्होंने कहा कि कुछ लोग जौहर यूनिवर्सिटी तोप मिलने से रोना चाहते है वह दिल खोल कर रोये, घुटनों में सर देकर रोये और आज रात दीपक की जगह अपना दिल जला कर रोये.
आज़म खान ने मीडिया से रूबरू होते हुवे कहा कि सबसे पहले हम इंडियन आर्मी को धन्यवाद देना चाहेंगे जो तोहफा उनकी तरफ से हमें मिला है चाबुक के नाम से टैंक दिया गया है उसके लिए हम इंडियन आर्मी को धन्यवाद कहते हैं अपनी तरफ से विश्वविद्यालय की तरफ से और अपने शहर वासियों की तरफ से सुना ये जाता था कि कोई गलतफहमी है हमारे बीच में लेकिन आपको सबको ख़ुशी भी होगी और इतमनान भी होगा यह जानकर कि कहीं कोई गलतफहमी या किसी भी तरह की भ्रांति ना थी ना है ना हो सकती है वरना किसी ऐसे इंस्टिट्यूशन को जिसकी ख्याति अच्छी ना हो इंडियन आर्मी अपना टैंक नहीं देती यह बात भी हमारे लिए बहुत गर्व की है इंडियन आर्मी इंडियन आर्मी ने जो इंडियन आर्मी ने जो टैंक दिए हैं 12-14 टैंक पूरे देश को उस में पहला नाम पहला तोहफा मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए है यह शायद इससे भी ज्यादा खास बात है कि हमें इंडियन आर्मी ने यह गिफ्ट दिया है उन्होंने गिफ्ट देते वक्त इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि जिन्हें वो तोहफा दे रहे हैं उनका स्तर क्या है उन्हें उनका क्या स्तर मानना चाहिए क्योंकि यह शैक्षिक संस्था है और देश और देश के बाहर लोग मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय से बहुत अच्छी तरह परिचित हो चुके हैं इसलिए भी इंडियन आर्मी ने उसका लिहाज रखा है उसके लिए भी उनका शुक्रिया कहते हैं अब हम यह भी चाहते हैं क्योंकि हम उनके परिवार का एक सदस्य हो गए हैं तो और भी जो कुछ है जहाज है लड़ाका जहाज है हेलीकॉप्टर हैं तोपें हैं ये भी हमें दिए जाएं ताकि हम यहां एक बड़ी एग्जीबिशन उसकी यह विश्वविद्यालय फौजी सामान की भी नुमाइश गाह बने लोग देखें कि हमारी फौज के पास किस तरह के हथियार हैं हमें उसके लिए उनको लिख कर देना है और पेशगी उनका धन्यवाद हम करना चाहते हैं।
आगे बताते हुए आज़म खान ने कहा यह स्टॉक स्टेशन है बड़ा बड़ा भंडार है वहां पुणे से आगे लगभग 30 किलोमीटर आगे इस टैंक को यहां तक पहुंचने के लिए लगभग 20 दिन का समय लगा है इसका कोई टेंडर नहीं हुआ है अब जिन लोगों को रोना है वह आज सारी रात रोएं और घुटनों में मुंह दे कर रोए।घर के बल्ब ना जलाएं अपना दिल जलाए।
इस तोप को मगाने के लिए प्रोसीजर पर उन्होंने कहाकि अप्लाई किया जाता है इसमें सरफराज खां साहब की बहुत ज्यादा कोशिश है बहुत कोशिश है बहुत दरखास्त आई थी लेकिन हमारी यूनिवर्सिटी को इंडिया में सबसे अच्छा समझा गया। आर्मी बीजेपी का कोई संगठन थोड़े है आर्मी आर्मी है किसी राजनैतिक दल का संगठन नहीं है हिंदुस्तान में तो अगर कोई साहब यह समझ रहे थे या आज समझ रहे हो कि इंडियन आर्मी से कोई गिफ्ट अगर जौहर यूनिवर्सिटी को मिल रहा है उनकी सिफारिश के बाद मिलेगा आज उन्हें यह मालूम हो जाना चाहिए क्या आर्मी आर्मी का स्तर आर्मी का वकार राजनैतिक दल से बहुत ऊंचा है और किसी राजनैतिक दल को अपने बारे में ऐसी खुशफहमी नहीं रखनी चाहिए।
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