सीतापुर. अमृतसर से सहरसा (बिहार) जा रही जनसेवा एक्सप्रेस मंगलवार सुबह तीन से चार बजे के बीच सीतापुर के रामकोट इलाके से गुजर रही थी. इसी दौरान आठ साल की बच्ची को भवानीपुर व पांच साल की बच्ची को गौरा गांव के करीब चलती ट्रेन से फेंक दिया गया. सुबह करीब 8 बजे दोनों बच्चियों को घायल हालत में पड़ा देख ग्रामीणों ने उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया और पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस की पूछताछ में आठ साल की लड़की ने अपना नाम अल्बतुन खातून व पांच साल की बहन का नाम सलीना खातून बताया.
अल्बतुन ने पुलिस को बताया कि वह मोतिहारी, बिहार की रहने वाली है. वह और उसकी दो बहनें पिता इद्दू और मां अबलीना खातून के साथ ट्रेन में सफर कर रही थीं. इसी दौरान सुबह अचानक पिता इद्दू ने उन्हें एक-एक कर चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया. वहीं, शाम को मानपुर एरिया में रमईपुर हाल्ट के करीब एक छह साल की बच्ची का शव बरामद हुआ. अल्बतुन ने शव की शिनाख्त अपनी बहन मुन्नी के रूप में की. सीओ सिटी योगेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चियों को फेंकने वाले पिता इद्दू की तलाश के लिये बिहार पुलिस से संपर्क किया गया है.
इस बीच मुद्दा यह भी है कि एक बाप ने आखिर ऐसा क्यों किया और क्या मज़बूरी उस माँ की थी जो साथ में सफ़र कर रही थी. इसके अलावा आखिर ऐसा कैसे हो गया कि ट्रेन में बैठे पैसेंजरो को इसकी भनक भी न लग पाई. सवाल कई अनसुलझे है और शायद इसका जवाब अब वह ज़ालिम और बेरहम बाप ही दे सकता है.
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