केंद्र और एक दर्जन से ज्यादा राज्यों में सत्ता में मौजूद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तीन बुरी खबरें वो भी तीन अलग-अलग राज्यों से एक ही दिन मिलीं। पार्टी को सबसे बुरी खबर पंजाब से मिली जहाँ गुरदासपुर लोक सभा उप-चुनाव में ये सीट उसके हाथ से निकल गयी। बीजेपी सांसद और अभिनेता विनोद खन्ना के निधन के बाद खाली हुई थी। गुरदासपुर से कांग्रेस के उम्मीदवार सुनील जाखड़ ने गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की है। जाखड़ ने बीजेपी प्रत्याशी सवर्ण सिंह सलारिया को 1,93,219 मतों के अंतर से हरा दिया है। जाहिर है बीजेपी की इस बड़ी हार के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसे नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों के प्रति जनता के मोहभंग के तौर पर पेश किया।
बीजेपी के लिए दूसरी बुरी खबर उत्तर प्रदेश से आयी। अभी चंद महीने पहले ही मार्च में बीजेपी ने दो-तिहाई बहुमत हासिल करके राज्य में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनायी थी। इसलिए जब रविवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में शीर्ष पाँच में से चार सीटों पर सपा को जीत मिली और बीजेपी पर सोशल मीडिया पर तंज कसे जाने लगे। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ के नतीजों की वजह से बीजेपी इसलिए भी ज्यादा घेरी जा रही है क्योंकि पिछले दो सालों से अध्यक्ष का पद बीजेपी के पास था। साल 2015 में पांच में चार सीटें बीजेपी ने जीती थीं और 2016 में बीजेपी ने अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की थी। जबकि इस साल इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में समाजवादी छात्र सभा के अवनीश यादव अध्यक्ष, चंद्रशेखर चौधरी उपाध्यक्ष, भरत सिंह संयुक्त सचिव और अवधेश कुमार पटेल सांस्कृतिक सचिव चुने गये। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के निर्भय द्विवेदी महामंत्री चुने गये।
बीजेपी को तीसरी बुरी खबर केरल से मिली जहाँ पाँव पसारने के लिए पार्टी पिछले कुछ सालों से एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है। साल 2016 में हुए केरल विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने पहली राज्य में कोई चुनाव जीता। पार्टी के वरिष्ठ नेता ओ राजगोपाल ने नेमम विधान सभा सीट से जीत हासिल की थी। हाल ही में केरल की वेंगाना सीट से आईयूएमएल के विधायक पीके कुन्हलिकुट्टी के सांसद बन जाने के बाद खाली हुई थी। शुरू से ही इस सीट के लिए हुए उप-चुनाव में आईयूएमएल और सीपीआई (एम) के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा था लेकिन बीजेपी ने भी अपना जनाधार बढ़ाने की पूरी कोशिश की। पार्टी ने उप-चुनाव से पहले जन रक्षा यात्रा निकाली थी जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए थे। लेकिन जब नतीजे आए तो बीजेपी के लिए निराशाजनक रहे क्योंकि इस सीट पर उसका प्रतिशत पिछले चुनाव से कम हो गया। वांगेर सीट से आईयूएमएल के केएनए खादेर ने 65,227 वोट पाकर सीपीआई (एम) के पीपी बशीर को हराया जिन्हें कुल 23,310 वोट मिले थे। बीजेपी के उम्मीदवार जनचंद्रन को 5,728 वोट मिले। इसी सीट से पिछले साल विधान सभा चुनाव में बीजेपी को 7,055 वोट मिले थे।
ए0 जावेद वाराणसी: वाराणसी के लंका पुलिस ने दो शातिर चोरो को कीमती चोरी के…
ईदुल अमीन डेस्क: अजमेर शरीफ़ दरगाह के अंदर शिव मंदिर होने के दावे को लेकर…
शफी उस्मानी डेस्क: बुलंदशहर की एक अदालत ने एक निजी मधुमक्खी पालन केंद्र में चोरी…
मो0 कुमेल डेस्क: अजमेर दरगाह के शिव मंदिर होने के दावे के साथ दाखिल याचिका…
माही अंसारी डेस्क: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर के दावे वाले मुकदमे को सुनवाई के…
तारिक आज़मी डेस्क: संभल की जामा मस्जिद मामले में दाखिल याचिका पर सुपर फ़ास्ट स्पीड…