महँगाई की मार ने किया त्योहार का मजा बेकार, मिलावटखोर काट रहे चाँदी.

फारूख हुसैन
लखीमपुर खीरी // हर वर्ष की तरह इस बार दीपावली की रौनक बाजारों में देखने को नहीं मिल रही है और न ही किसी तरह के उत्साह जिसके कारण यह लगने लगा है की शायद अब किसी भी त्योहारों से किसी को कोई मतलब नहीं रह गया है। परंतु ऐसा नहीं है ज्यों ज्यों महँगाई की मार आमजन पर पड़ रही है उसके कारण अब हमारे परिवार के जिम्मेदार लोग केवल जैसे तैसे त्योहारों को निपटाने की सोचते हैं कि कैसे भी यह त्योहार निपट जाये ।
परंतु महँगाई का फर्क केवल बड़ो पर ही नहीं वरन् बच्चो पर भी पड़ा है कि जहाँ वह कुछ दिनों पहले से ही न ये कपड़े और पटाखों के लिये अपने मम्मी पापा से जिद करके पूरा करवा लेते थे वही घर के हालात और महँगाई की मार देखकर वह कुछ बोलना या फिर इस तरह से कहें कि वह जिद करना जैसे भूल चुके हैं और कुछ समय के लिये ही वह पटाखे जलाकर और मिठाई खाकर अपना यह प्यारा दीपावली का त्योहार मना लेते हैं और कुछ लोग अब इस त्योहार में दिलचस्पी भी नहीं लेते हैं क्योकि महँगाई की मार ने त्योहार का मजाक किरकिरा करके रख दिया है ।
परंतु दूसरी ओर कुछ लोग अपनी पुरानी परम्परा को जरूर निभाते हैं और वो ज्यादा नहीं तो दो चार पटाखे जरूर जलाते हैं और गणेश लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं , क्योंकि हमारे हिंदू धर्म के अनुसार दीपावली के दिन गणेश लक्ष्मी की पूजा करने से उनके घर में धन और सुख सम्रद्धी की कोई कमी नहीं रहती है और राम के चौदह वर्ष के वनवास के बाद जब वह अपने राज्य पहुँचे थे तो सभी ने मिलकर पूरे राज्य में रोशनी कर पटाखे जलाकर खुशी का इजहार किया था और तभी से दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है इसी की परंपरा को लोग अभी जरूर पूरा करते हैं ।
वही दूसरी ओर दीपावली का पर्व नजदीक आते ही एक बार फिर से मिलावट का कारोबार भी शुरू हो गया है जिसमें खाद्य सामग्री में मिलावटी वस्तुओं का इस्तेमाल कर मुनाफा कमाने में कुछ व्यापारी जोरों से जुट गए हैं ।जिसके कारण जिले में जगह जगह छोपेमारी भी शुरू कर दी गयी हैं क्योंकि सभी जानते हैं कि त्योहार के दौरान बनने वाली मिठाइयों से लेकर अन्य खाद्य सामग्रियों में खुलेआम मिलावट की जाती है परंतु जिले के कुछ क्षेत्रों में अभी अधिकारियों ने कोई सुध नहीं ली है जिसके कारण व्यापारियों का सीना चौड़ा कर खुलेआम मिलावट कर भारी मुनाफा कमा रहें हैं ।
उल्लेखनीय है कि जिले में वैसे भी कुछ व्यापारी मुनाफे के चक्कर में मिठाई की दुकानों पर तो पूरे साल मिलावट करते हैं , परंतु त्योहारों के दौरान वह और ज्यादा मोटी कमाई के लालच में ये व्यापारी अपनी सारी हदें पार करके मिलावट के स्तर को और अधिक बढ़ा देते हैं। जिसका सीधा असर इंसान तो इंसान जानवरों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है परंतु यह सब जानकर भी हमारे अधिकारी इस ओर से अनजान बने हुए हैं जिसके कारण अधिकारियों की सांठ गाँठ की बात लोगों के द्वारा बताई जाने लगी है और ऐसे ही जिले के पलिया क्षेत्र में भी यह बातें साफ तौर पर उजागर हो रही है लोगों का कहना है कि पलिया में भी कई दुकानों पर व्यापारी धड़ल्ले से मिलावट करने में जुटे हुए हैं परंतु अभी तक कहीं छापेमारी नहीं की गयी हैं , ऐसे ही बात और सामने आ रही है कि जबतब फूड इंस्पेक्टर की टीम कहीं न कहीं छापेमारी करती रहती है और वहाँ सैपल भी भरे जाते है परंतु आगे कोई कार्रवाई नहीं होती नजर आती है। इससे साफ पता चलता है कि विभाग से जुड़े अधिकारी खुद भी मिलावट को कहीं न कहीं बढ़ावा दे रहे हैं जो कि सोचनीय विषय बन चुका है। फिलहाल संबधित अधिकारियों का कहना है कि यदि कहीं से मिलावट की शिकायत या सूचना मिलती है तो उसकी जांच की जायेगी और उस पर कड़ी कार्य वाही भी की जायेगी।

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