रिजवान अहमद.
कानपुर. कहा जाता है कि उपद्रवियों का कोई धर्म और जाती नहीं होती है. शायद यही सच है. धर्म और आस्था के नाम पर उपद्रव करना इनका मकसद होता है. घर और मोहल्ले के बिगडैल ये लोग शहर की फिजा ख़राब करने का प्रयास बखूबी जानते है. मगर इसमें अगर पुलिस कर्मियों का मौन समर्थन मिल जाये तो इसका अर्थ ही अनर्थ में बदल जाता है. इसकी आज एक बानगी देखने को मिली कानपुर शहर के थाना कल्यानपुर के रावतपुर सय्यद नगर के क्षेत्र में जब प्रतिमा विसर्जन हेतु जाते उपद्रवी तत्वों ने आस्था के आड़ में हाथो में लिये तलवार और डंडो से ताजिया के इमाम चौक के पास लगे डीजे पर वार करना शुरू कर दिया और उसको निचे गिरा दिया. जुलूस के पीछे चल रहे दो दरोगा और कई सिपाही उनके उपद्रव को देख रहे थे शायद बल्कि जुलूस के साथ चल रहे कुछ संभ्रांत नागरिको ने उन उपद्रवी तत्वों को ऐसा करने से रोका और उनको आगे बढाया. जब उपद्रवी तत्व आगे चले गये तो दरोगा जी अपने साथियों के साथ स्थिति को नियंत्रण में करने का अपना प्रयास करने लगे, पास के मकान से कुछ महिलाये इस उपद्रव को अपने कैमरे में कैद कर बैठी और उसको सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
शायद प्रशासन की इसी हिला हवाली ही वजह रही है जो आज कानपुर का एक इलाका साम्प्रदायिकता के चपेटे में आते आते रह गया. प्रशासन अगर समय से उचित कदम उठाता तो शायद शहर में फिजा इस तरह न बिगडती. देखिये मौके का ये वीडियो और खुद निर्णय कीजिये.
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https://youtu.be/UkVl4TMxX_w
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