कादीपुर:-‘अपना किया हुआ कर्म आदमी स्वयं भोगता है। सदैव अच्छे कर्म करने की ही कोशिश करते रहना चाहिये ।’यह बात प्रसिद्ध प्रवचनकर्ता बाबा बजरंगदास ने कही। बाबा कादीपुर नगर के जूनियर हाई स्कूल मैदान में चल रही नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा में दूसरे दिन कथा सुना रहे थे।
भरत प्रसंग सुनाते हुये उन्होंने कहा -मां ने पिता ने भाई ने सबने भरत को राज सौंपा लेकिन भरत जी हर बार उसे ठुकराते रहे । भरत राजा होकर भी राज से निर्लिप्त रहने वाले महान योगी हैं।भरत साधू थे इसलिये उन्होने सदैव त्याग और समर्पण किया। साधू को भोग नहीं योग चाहिये। उन्होनें कथा श्रवण की महत्ता बताते हुये कहा -जीवन में सुख और शांति के लिये रामकथा सुनना आवश्यक है। इससे पूर्व सम्पूर्णानंद महराज ने कहा कि – आधुनिक समय में कथा श्रवण की महत्ता इसलिये बढ़ गई है क्योंकि समाज में कुरीतियां बढ़ गईं हैं । कथा श्रवण से सही गलत का भेद पता चलता है।
वाद्ययंत्रों और सुमधुर भजनों के सामंजस्य के साथ हो रही इस कथा का संचालन आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह ‘जटायु’ ने किया। कथा संयोजक सुरेन्द्र प्रताप सिंह और समिति के अन्य सदस्यों ने आरती , प्रसाद , स्वागत आदि की व्यवस्थायें कीं ।
प्रतिदिन सायं सात से रात्रि दस तक चलने वाली यह संगीतमय रामकथा सोलह अक्टूबर को खत्म होगी ।
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